बिहार के आठ लाख बच्चों को अभी तक नहीं लगी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज, इम्यूनिटी कम होने का बढ़ा खतरा

पटना। राज्य के आठ लाख बच्चों में कोरोना वैक्सीन का असर कम होने का खतरा पैदा हो गया है। इन बच्चों को कोर्बेवैक्स वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं पड़ी है। सूबे में पिछले साल 22 नवंबर को 12 से 14 वर्ष तक के बच्चों को लगने वाली कोर्बेवैक्स वैक्सीन खत्म हो गई। इससे पहली डोज लेने वाले बच्चे दूसरी डोज नहीं ले पा रहे हैं। एसकेएमसीएच के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अकील अहमद मुमताज ने बताया कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज समय से नहीं लेने पर पहली डोज का असर कम होने लगता है। इसलिए समय पर दूसरी डोज ले लेनी चाहिए। पहली डोज लेने वालों को दूसरी डोज निश्चित तौर से समय पर लेनी चाहिए। दो महीने की देरी पर इम्युनिटी खत्म हो जाती है। ज्यादा देर होने पर वैक्सीन असर नहीं करती। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार पांडेय ने बताया कि वैक्सीन के लिए डिमांड भेज दी गई है। वैक्सीन मिलते ही बच्चों को दूसरी डोज लगनी शुरू हो जाएगी।
28 दिनों पर लगनी है कोर्बेवैक्स की दूसरी डोज
12 से 14 वर्ष तक के बच्चों को कोर्बेवैक्स की दूसरी डोज 28 दिनों पर ही दी जानी है। 22 नवंबर को जिन बच्चों ने पहली डोज ली थी, उन्हें 20 दिसंबर को दूसरी डोज लग जानी चाहिए थी। दवा खत्म होने से उन्हें डोज नहीं दी गई। बच्चों के लिए जब टीका लांच किया गया था, तब 20 बच्चों के आने पर ही टीके की वाइल खुलती थी। इस कारण इसे देने में शुरू से ही विभाग परेशानी झेल रहा है। वही पहली डोज का असर जब कम होने से दूसरी डोज लगने पर भी बच्चों में इम्युनिटी पूरी नहीं तैयार हो सकेगी। डॉक्टरों ने बताया कि समय पर दूसरी डोज नहीं लग पाने से बच्चे आधी इम्युनिटी से ही कोरेाना से लड़ाई लड़ेंगे। कोरोना की तीसरी लहर में कई बच्चे संक्रमित हो गए थे। मुजफ्फरपुर में मार्च 2022 से बच्चों को कोरोना टीका लगाया जा रहा है। वही पूरे राज्य में 56 लाख 26 हजार बच्चों को टीका देने का लक्ष्य है। इसमें अबतक 42 लाख 87 हजार 203 को पहली डोज और 34 लाख को दूसरी डोज लगी है। कोर्बेवैक्स खत्म होने तक यानी 22 नवंबर तक सूबे में 42 लाख 71 हजार 834 बच्चों को दूसरी डोज लगानी थी। मुजफ्फरपुर में 2 लाख 52 हजार 726 बच्चों को टीका देने का लक्ष्य है जिसमें एक लाख 77 हजार 524 को पहली डोज लगी है। जिले में एक लाख 37 हजार 127 को दूसरी डोज लग चुकी है। बाकी 40 हजार टीके के इंतजार में हैं।

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