बिहार में आज से शुरू होगा बालू का खनन, एनजीटी की गाइडलाइन हटने के बाद 20 फीसदी महंगा होगा बालू

पटना। बिहार में बालू की कीमतें भले ही आसमान छू रही हो, लेकिन आज से इसकी किल्लत दूर हो जाएगी। दरअसल 31 सितंबर तक बालू के खनन पर एनजीटी की गाइडलाइन के मुताबिक रोक लगी हुई थी, लेकिन आज यानी 1 अक्टूबर से बालू खनन का काम शुरू हो जाएगा। पुराने बंदोबस्तधारी ही अगले तीन महीने तक बालूघाटों से बालू का उत्खनन करेंगे। उन्हें सरकार ने विस्तार दे दिया है। बिहार स्टेट माइनिंग कॉरपोरेशन ने पुराने बंदोबस्तधारियों के खनन की अवधि 25 दिसंबर तक बढ़ा दी है। बिहार के 28 जिलों के तकरीबन 900 बालू घाटों पर अक्टूबर से बालू खनन शुरू होगा। मई 2022 तक केवल 16 जिलों में करीब 435 बालू घाटों से ही बालू का खनन हो रहा था। 31 सितंबर तक बालू का खनन बंद था। नदियों में तीन मीटर से अधिक की खुदाई नहीं पा रही थी। सरकार ने खनन की सीमा तय कर दी है। इतना ही नहीं नदियों के जलस्तर या 3 मीटर में जो कम होगा, वही खनन की सीमा होगी। इसके अलावा वे 300 मीटर के दायरे में ही बालू का भंडारण कर सकेंगे। 5 किमी से आगे बालू भंडारण के लिए उन्हें अलग से लाइसेंस लेना होगा। बंदोबस्तधारियों को भंडारण स्थल का जियो कार्डिनेट के साथ भंडारण की मात्रा की ऑनलाइन पोर्टल पर जानकारी देनी होगी। बालू खनन के बंदोबस्तधारियों को हर साल बालू के बंदोबस्त के लिए 20 फीसदी ज्यादा राशि देनी होगी।

राज्य सरकार की बालू खनन की नई नीति में इसका प्रावधान किया है। बंदोबस्तधारियों को हर साल पिछले वर्ष की तुलना में 120 फीसदी राशि देनी होगी। राज्य सरकार ने सभी जिलों में बालू खनन के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी डीएम को इसकी जिम्मेवारी सौंपी गयी है। वही इसके अलावे राज्य सरकार ने अवैध खनन को लेकर भी पक्का इंतजाम किया है। अवैध खनन रोकने की जिम्मेवारी बंदोबस्तधारियों को ही सौंप दी है। उनसे उनके बालूघाटों और उसके आसपास नजर रखने को कहा गया है। उनके बालूघाट के 100 मीटर के इलाके में अवैध खनन होने पर बंदोबस्तधारियों को तत्काल इसकी सूचना सरकार को देनी होगी। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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