गोपाल खेमका हत्याकांड पर राजद ने सरकार को घेरा, कहा- बिहार में स्थिति अराजक, सरकार बदलने से ही भलाई होगी

पटना। राजधानी पटना में व्यवसायी गोपाल खेमका की गोली मारकर की गई हत्या ने न केवल शहर को हिला दिया है, बल्कि पूरे बिहार की राजनीति को भी गरमा दिया है। गांधी मैदान के पास हुई इस घटना ने पुलिस और प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना उस समय हुई जब गोपाल खेमका अपने किसी कार्य से लौट रहे थे। अपराधियों ने उनके ऊपर तब तक गोलियां बरसाईं जब तक वे पूरी तरह निढाल नहीं हो गए।
राजद का सरकार पर हमला
इस घटना को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश सरकार को सीधे निशाने पर ले लिया है। राजद के वरिष्ठ नेता मृत्युंजय तिवारी ने इसे राज्य में अराजकता की पराकाष्ठा बताया और कहा कि यह राक्षस राज और अपराधी राज की जीती-जागती मिसाल है। उन्होंने कहा कि राजधानी में, पुलिस मुख्यालय के बिल्कुल पास एक उद्योगपति की इस तरह हत्या होना सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोल देता है।
तेजस्वी यादव की चेतावनी का हवाला
राजद नेता ने यह भी कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कई बार सरकार को क्राइम बुलेटिन के माध्यम से चेताते आए हैं। लेकिन सरकार ने इन चेतावनियों को हल्के में लिया और परिणामस्वरूप अपराधियों का मनोबल इस हद तक बढ़ गया है कि वे किसी भी जगह, किसी को भी निशाना बना सकते हैं।
शक्ति यादव ने किया सरकार को कटघरे में खड़ा
राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने भी सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह वही गोपाल खेमका हैं जिनके बेटे की हत्या भी कुछ वर्ष पहले की गई थी और अब खुद खेमका को मौत के घाट उतार दिया गया। उन्होंने इसे राज्य में फैले गुंडाराज की भयावह तस्वीर बताया। शक्ति यादव ने कहा कि बिहार में आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है और अपराधियों को किसी कानून का भय नहीं रह गया है।
पुलिस जांच में जुटी
इस जघन्य हत्याकांड के बाद पटना पुलिस और एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की गई। घटनास्थल से दो खाली कारतूस बरामद किए गए हैं जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। टाउन डीएसपी-2 प्रकाश ने बताया कि घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए हर एंगल से जांच की जा रही है। आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि अपराधियों की पहचान की जा सके। हालांकि, अभी तक पुलिस को कोई ठोस सुराग नहीं मिला है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
इस घटना से पहले सीवान में भी गोलीबारी की एक बड़ी वारदात हो चुकी है जिसमें छह लोगों को निशाना बनाया गया था और तीन की मौके पर ही मौत हो गई थी। इन घटनाओं की आवृत्ति से साफ है कि राज्य में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है और शासन की पकड़ कमजोर हो रही है।
राजनीतिक प्रभाव और आगे की राह
राजद नेताओं ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अगर कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार नहीं होता है तो वे आंदोलनात्मक रुख अपना सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब बिहार की भलाई इसी में है कि मौजूदा सरकार को विदाई दी जाए और एक नई जिम्मेदार सत्ता को मौका दिया जाए। गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति को फिर से बहस के केंद्र में ला दिया है। सरकार के लिए यह एक चेतावनी भी है कि अगर आम जनता और व्यवसायियों में सुरक्षा का भाव नहीं रहा तो उसका असर सियासी जमीन पर भी साफ दिखेगा। पुलिस की जांच और राजनीतिक बयानबाजी के बीच जनता जवाब चाहती है – आखिर कब तक अपराध यूं ही बेलगाम रहेगा?

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