पाटलिपुत्र लोकसभा सीट पर रीतलाल यादव ने ठोक दावा, कहा- लालू चाहते हैं हम लड़े और चुनाव जीते

पटना। महागठबंधन में सीट शेयरिंग से पहले ही पसंदीदा सीटों पर दावेदारी भी शुरू हो गई है। इसी बीच गुरुवार को दानापुर से राजद के विधायक बाहुबली नेता रीतलाल यादव ने पाटलिपुत्र संसदीय सीट पर अपना दावा ठोका। उन्होंने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जी का आशीर्वाद प्राप्त है और वह खुद चाहते हैं कि हम आगामी चुनाव में यहां से चुनाव लड़े और जीते इसकी घोषणा हमारे नेता के द्वारा जल्द कर दी जाएगी। अब सवाल उठ रहा है कि क्या लालू अपनी ही बेटी का टिकट काट पाएंगे। राजद विधायक ने कहा कि मेरी कहीं से भी कोई दावेदारी नहीं है, महागठबंधन का 40 सीट पर दावेदारी है। जो वो बोलेंगे उनके अनुसार हमें चलना है। हम लोग सिपाही हैं और तैयार रहते हैं। किसी पार्टी के द्वारा कैंडिडेट के नाम का खुलासा नहीं हुआ है। धीरे-धीरे सब हो जाएगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ही इसका जवाब देंगे,   उन्हीं को अधिकृत किया गया है। पाटलिपुत्र लोकसभा का अस्तित्व नए परिसीमन के बाद आया था।  2009 में पाटलिपुत्र सीट के लिए पहला चुनाव हुआ था। नए परिसीमन के बाद से इस क्षेत्र पर एनडीए का कब्जा रहा है। वर्ष 2009 में जदयू के रंजन प्रसाद यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को शिकस्त दी थी। उसके बाद वर्ष 2014 और 2019 में हुए चुनाव में भाजपा के रामकृपाल यादव ने लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती को हराया था। पटना के पाटलिपुत्र सीट पर लड़ाई का एक कोण हमेशा से लालू परिवार ही रहा है। लालू प्रसाद यादव और उनकी बड़ी बेटी मीसा भारती दोनों इस सीट से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन बाप-बेटी में से कोई चुनाव जीत नहीं सका है। 2014 लोकसभा चुनाव हारने के बाद मीसा भारती राज्य सभा चली गईं थीं लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में लालू परिवार और राजद ने एकबार फिर से मीसा भारती को ही मैदान में उतार दिया था हालांकि लालू की बेटी को एक बार फिर से हार का मुंह देखना पड़ा था। अब कुछ ही दिनों में साफ हो जाएगा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र सीट लालू फैमिली के पास रहेगी या परिवार से बाहर किसी दूसरे को मौका मिलेगा।

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