केंद्रीय एजेंसियों का आज ताबड़तोड़ छापे, बिहार के बाद झारखंड में हेमंत सोरेन के करीबी के घर ईडी की रेड

पटना। बिहार से लेकर झारखंड तक केंद्रीय एजेंसियों ने बुधवार सुबह ही ताबड़तोड़ छापेमारी की है। सीबीआई ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पटना में आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह के घर पर छापेमारी की है। सुनील सिंह को लालू प्रसाद यादव के करीबी नेताओं में शुमार किया जाता है। यह ऐक्शन ऐसे वक्त में हुआ है, जब विधानसभा में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार फ्लोर टेस्ट साबित करने वाली है। आरजेडी के सांसद अशफाक करीब के घर पर भी छापेमारी की गई है। कहा यह भी जा रहा है कि सीबीआई ने राजद सांसद फैयाज अहमद और पूर्व एमएलसी सुबोध राय के आवास पर भी रेड की है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। झारखंड के खनन घोटाले को लेकर ईडी सक्रिय है। केंद्रीय एजेंसी ने सीएम हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि और विधायक पंकज मिश्रा से पूछताछ के बाद छापेमारी की है। झारखंड की राजधानी रांची समेत कई ठिकानों पर ईडी ने एक साथ छापेमारी की है। अवैध खनन और उगाही के मामले में ईडी के ऐक्शन से झारखंड का सियासी पारा चढ़ गया है। ईडी ने प्रेम प्रकाश के ठिकानों पर भी छापेमारी की है, जिसने नेताओं से अच्छे संपर्क बताए जाते हैं। फिलहाल झामुमो की ओर से इस पर कोई रिएक्शन नहीं आया है। लेकिन बिहार में आरजेडी ने छापेमारी को भाजपा की शरारत बताया है। आरजेडी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियां भाजपा की पार्टनर के तौर पर काम कर रही हैं।
मनोज झा बोले- भाजपा ही लिखती है एजेंसियों की स्क्रिप्ट
आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि इसे ईडी, आईटी या सीबीआई का छापा कहना गलत है। यह भाजपा की ही रे़ड है। ये सभी एजेंसियां भाजपा के तहत ही काम करती हैं। इनके दफ्तर भाजपा की स्क्रिप्ट पर ही काम करते हैं। आज बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है और यह क्या हो रहा है? यह तो होना ही था। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस बात की खुन्नस है कि कैसे नीतीश कुमार ने उनका साथ छोड़कर जनता के हित में गठबंधन में बदल लिया। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन जनता के हित के लिए किया गया है।
MLC सुनील सिंह का हमला, बोले- भाजपा ने डराने के लिए कराई है छापेमारी
छापेमारी का सामना कर रहे आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह ने भी भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह छापेमारी भाजपा के इशारे पर जानबूझकर कराई गई है। इसका कोई मतलब नहीं है। ये लोग यह सोचकर ऐसा कर रहे हैं कि छापेमारी के डर से कुछ विधायक उनके साथ आ जाएंगे।

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