पटना में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी के ठिकानों पर निगरानी का छापा, सीएम के जनता दरबार में आया था मामला, एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति मिली

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पटना। बिहार के नगर परिषद भभुआ के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अनुभूति श्रीवास्तव के ठिकानों पर निगरानी की टीम ने बुधवार को छापेमारी की। उनके राजधानी पटना स्थित रुकनपुर के फ्लैट में छापा मारा गया। यह कार्रवाई विशेष निगरानी इकाई ने भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामले में की है। बताया जा रहा है कि उनके पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति मिली है।
बता दें निलंबन से पहले अनुभूति श्रीवास्तव हाजीपुर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर तैनात थे। इसके पहले श्रीवास्तव पर भभुआ नगर परिषद में कार्यपालक पदाधिकारी के तौर पर करोड़ों के घोटाले का आरोप हैं। यह मामला काफी पुराना है और घोटाले का आरोप सामने आने के बाद कैमूर के तत्कालीन जिला पदाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने एक टीम का गठन कर इस मामले की जांच कराई थी। जांच के बाद नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी पर आरोप साबित हुआ था। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया था और अनुभूति श्रीवास्तव के खिलाफ नगर विकास विभाग को रिपोर्ट भी भेजी थी। लेकिन लंबे अरसे तक यह मामला नगर विकास विभाग में दबा रहा।
हाल में ही पिछले 16 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में घोटाले से संबंधित शिकायत लेकर एक शख्स ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। जनता दरबार में मौजूद डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद से इस पूरे मामले की जांच करवाने और कार्रवाई करने को कहा। इधर अनुभूति श्रीवास्तव का तबादला भभुआ से हाजीपुर नगर परिषद में कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर हो गया था। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पिछले 18 अगस्त को नगर विकास विभाग द्वारा अनुभूति श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया था।
स्पेशल विजलेंस यूनिट की टीम ने इस पूरे मामले की जांच की और अनुभूति श्रीवास्तव के खिलाफ स्पेशल विजलेंस यूनिट में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया। 1 करोड़ रुपये से अधिक आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज होने के बाद बुधवार को डीएसपी के नेतृत्व में 10 अधिकारियों की टीम पटना स्थित रुकनपुरा में इस अधिकारी का अपार्टमेंट वाला फ्लैट खंगालने पहुंची।

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