रूपेश सिंह हत्याकांड-पूर्व आईपीएस ने किए सनसनीखेज दावे,सीएम नीतीश से लेकर पूरे सरकार पर निशाना

पटना।बहुचर्चित हाई प्रोफाइल रूपेश सिंह हत्याकांड के मामले में बिहार सरकार के एक पूर्व आईपीएस ने प्रदेश की नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।बिहार के डीजीपी के नाम लिखे पत्र में पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने इस हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है।साथ ही उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रुपेश सिंह हत्याकांड की लीपापोती करने के मौके का आदेश निर्गत कर दिए है।उन्होंने डीजीपी के नाम लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि रूपेश सिंह हत्याकांड के तार बिहार में चल रहे खूनी टेंडर वार से जुड़े हैं।खूनी टेंडर वार उजागर होने पर बिहार सरकार के अनेकानेक मंत्री तथा आईएएस अधिकारी जेल चले जाएंगे। बिहार का सुशासन माफिया नंगा हो जाएगा।उन्होंने पत्र में लिखा है कि उन्हें कई आईपीएस अधिकारियों ने बताया है कि रूपेश सिंह हत्याकांड में जांच को लेकर उन पर अत्यधिक राजनीतिक दबाव है।पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने रुपए सिंह हत्याकांड की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराए जाने की मांग की है।इसके पूर्व

डीजीपी के द्वारा इस मामले में हत्याकांड के पीछे एयरपोर्ट पार्किंग ठेका का विवाद बताए जाने के बाद प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में ट्वीट करते हुए लिखा था कि,’बिहार पुलिस बकरा खोज रही है।राज्य के गृह मंत्री ने सत्ता शीर्ष पर बैठे लोगों को बचाने के बहाने खोजने की निविदाएं आमंत्रित की है।’ ट्वीट के जरिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार पुलिस अपराधियों तक पहुंचने में सक्षम नहीं है।इसलिए पुलिस अब बकरा ढूंढ रही है।ताकि इस हत्याकांड का इल्जाम उस पर डाल कर आराम से बच निकले। ऐसे में बिहार पुलिस के डीजीपी एसके सिंघल के बयान को बगैर किसी ठोस प्रमाणिक थ्योरी के पेश किया जाना।आगे चलकर बिहार पुलिस के लिए परेशानी का सबब ही बनेगी।बिहार पुलिस ने अपने दावे में प्रामाणिकता के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी।हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच अभी जारी है।संभवत: जांच कर रही टीम के द्वारा आने वाले दिनों में मामले से जुड़े बड़े खुलासे किए जा सकते हैं।

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