देश में पेपर लीक करने पर होगी 10 साल की सजा, लोक परीक्षा निवारण विधेयक लोकसभा में पेश

नई दिल्ली। परीक्षा में अब कोई गड़बड़ी नहीं हो सकेगी ना ही अब पेपर लीक होगा। सरकार ने परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए खास प्लान बनाया है। सरकार परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के लिए नया कानून लेकर आ रही है। यह कानून इन प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं पर लगाम लगाएगा। इसके लिए सरकार ने सोमवार को ‘लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक, 2024’ को लोकसभा में पेश किया। विधेयक में परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित अपराध के लिए अधिकतम 10 साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में इस विधेयक को मंजूरी दी थी। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने आज सदन में इसे पेश किया। प्रस्तावित विधेयक में छात्रों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति के गठन का भी प्रस्ताव है जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिश करेगी। यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी। इससे पहले, बजट सत्र की शुरुआत पर गत 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ी को लेकर युवाओं की चिंताओं से अवगत है। उन्होंने कहा, “इस दिशा में सख्ती लाने के लिए नया कानून बनाने का निर्णय लिया गया है। लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) विधेयक, 2024 सोमवार को संसद में पेश किया गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में इस विधेयक को मंजूरी दी थी। प्रस्तावित विधेयक में विद्यार्थियों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। विधेयक में एक उच्च-स्तरीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटर के माध्यम से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें करेगी। यह एक केंद्रीय कानून होगा और इसके दायरे में संयुक्त प्रवेश परीक्षाएं और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाएं भी आएंगी। परीक्षा पत्र लीक होना एक राष्ट्रव्यापी समस्या बन गयी है, इसलिए अपनी तरह का पहला केंद्रीय कानून लाने की आवश्यकता महसूस की गयी। गुजरात जैसे कुछ राज्य इस समस्या से निपटने के लिए अपने कानून लेकर आए हैं। पिछले साल परीक्षा पत्र लीक होने के बाद राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए साामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में कनिष्ठ लिपिकों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा समेत अन्य परीक्षाएं रद्द की गयी थीं।

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