पहलगाम हमले को लेकर पटना के दवा कारोबारियों का विरोध प्रदर्शन, बंद की गई जीएम रोड दवा मंडी की दुकानें

पटना। कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में निर्दोष सैलानियों की नृशंस हत्या से लोगों में गहरा आक्रोश है। देशभर से विरोध की आवाजें उठ रही हैं, और इसी क्रम में पटना के जीएम रोड स्थित दवा मंडी के थोक दवा व्यापारियों ने भी अपने तरीके से विरोध दर्ज कराया है। शनिवार को दवा मंडी की सभी थोक दुकानें बंद रखी गईं।
एसोसिएशन की अपील पर बंद
पटना के केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन ने पहलगाम हमले के खिलाफ विरोध जताते हुए बंद का आह्वान किया था। शुक्रवार को एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्जुन यादव की अध्यक्षता में एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अगले दिन सभी थोक दवा दुकानें बंद रखी जाएंगी। एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि यह बंद किसी राजनीतिक मकसद से नहीं, बल्कि देश की एकता और शहीदों के सम्मान के लिए किया जा रहा है। एसोसिएशन ने यह भी निर्णय लिया कि बंद के दौरान कार्यालय में दोपहर 2 बजे उन सभी वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी जाएगी जो पहलगाम हमले में मारे गए। इस दौरान उपस्थित व्यापारियों ने मौन धारण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी और देश की एकता, अखंडता और शांति के लिए प्रार्थना की।
एक हजार दुकानें रहीं बंद
जीएम रोड स्थित दवा मंडी को देश की सबसे बड़ी थोक दवा मंडियों में से एक माना जाता है। यहां लगभग एक हजार थोक दुकानें हैं, जो प्रतिदिन करीब 20 करोड़ रुपये का कारोबार करती हैं। शनिवार को सभी दुकानें बंद रहीं, जिससे ना केवल व्यापार प्रभावित हुआ, बल्कि कई छोटे दुकानदारों और ग्राहकों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा। हालांकि, दवा विक्रेताओं का मानना है कि देश के लिए यह छोटी सी कुर्बानी है।
व्यापारियों में गुस्सा और दुख
दवा कारोबारियों का कहना है कि जिस तरह से कश्मीर में निर्दोष नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाया गया, वह बेहद निंदनीय और अमानवीय है। ऐसे कृत्यों को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। बंद के माध्यम से उन्होंने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो और देश के नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जाए।
एकता और जागरूकता का संदेश
एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्जुन यादव ने कहा कि यह बंद न केवल विरोध का प्रतीक है, बल्कि समाज को एकता और जागरूकता का संदेश भी है। उन्होंने कहा कि हम भारतीय हर परिस्थिति में एकजुट हैं और आतंकवाद जैसे कायराना हरकतों का एक स्वर में विरोध करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारी वर्ग केवल मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि समाज और देश के प्रति भी अपनी जिम्मेदारियों को समझता है।
स्थानीय स्तर पर सराहना
स्थानीय प्रशासन और आम लोगों ने भी इस बंद को सकारात्मक दृष्टि से देखा। कई सामाजिक संगठनों ने दवा कारोबारियों की इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे जनआंदोलन ही देश को आतंकी मानसिकता के खिलाफ मजबूत बनाते हैं। समाज के सभी वर्गों को इसी तरह मिलकर काम करने की जरूरत है। यह विरोध प्रदर्शन केवल एक दिन की दुकान बंदी नहीं था, बल्कि यह देश की भावनाओं को एकजुट करने का प्रतीक बना। पटना के दवा कारोबारियों ने यह साबित कर दिया कि वे केवल व्यापार के लिए नहीं, बल्कि देश की रक्षा और एकता के लिए भी खड़े हो सकते हैं। ऐसे प्रयासों से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देशवासी एक मजबूत राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ते हैं।
