मीडिया ने मेरे बयान का उल्टा मतलब निकाल कर गलत बातों को छापा है : मुख्यमंत्री

  • भाजपा से दोस्ती वाले बयान पर सियासत बढ़ी तो नीतीश ने दी सफाई, कहा- हम मीडिया से बात ही नहीं करेंगे
  • बीजेपी पर सीएम का हमला, बोले- जिसको जितना अटैक करना है करने दीजिए, हमको परवाह नहीं

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को भाजपा के साथ दोस्ती के अपने बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि हमारे बयान का गलत मतलब निकाला गया है। हमने भाजपा से दोस्ती को लेकर कुछ नहीं कहा है। हमारे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। दरअसल, सीएम नीतीश ने मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा था कि वे जब तक जीवित रहेंगे भाजपा वाले लोगों के साथ उनकी दोस्ती रहेगी। इसे लेकर माना गया कि सीएम नीतीश ने भाजपा की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। सीएम नीतीश ने इस पर स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सामने ही मीडिया से कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है। उन्होंने भाजपा से दोस्ती करने को लेकर कुछ नहीं कहा है। उनके बयान को गलत तरीके से छापा -दिखाया गया। इसे उन्होंने दुखद कहा। नीतीश कुमार के भाषण पर उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी बारी-बारी से सफाई दे चुके हैं। अब आज नीतीश कुमार ने कहा-हम मीडिया से बात ही नहीं करेंगे। जो हम नहीं बोलते हैं, वह छाप देता है। नीतीश कुमार ने शनिवार को अपनी भड़ास मीडिया पर निकाली। नीतीश कुमार ने कहा कि मीडिया उनकी बात छाप ही नहीं रहा है। वह तो भाजपा की बात छापता है। इसलिए उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर चलाया गया। नीतीश ने कहा-मैंने जो भाषण दिया था, वह अधिकारियों से जाकर पूछ लीजिये। मैंने ऐसी कोई बात बोली थी, जो आप लोगों ने चलायी। नीतीश कुमार ने कहा कि आज तो वे मीडिया से बात कर ले रहे हैं लेकिन आगे से मीडिया से बात ही नहीं करेंगे। सब गलत चला रहा है। हम तो मोतिहारी में कह रहे थे कि यहां जो सेंट्रल यूनिवर्सिटी खुला है, वह राज्य सरकार की देन है। लोगों को इसे भूलना नहीं चाहिये। मैंने कहां भाजपा की कोई बात की थी। मीडिया मेरी बात चला ही नहीं रहा है। पहले तो कुछ चला देता था अब चलाता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बनवाने के लिए केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार (डॉ मनमोहन सिंह सरकार) से उन्होंने अनुरोध किया था। लेकिन तब की केंद्र सरकार ने गया के लिए केंद्रीय यूनिवर्सिटी स्वीकृत की। हालांकि वे (नीतीश कुमार) मोतिहारी की मांग पर अड़े रहे और बाद में यहां भी बना। उन्होंने कहा कि वे इसी को याद दिलाते हुए यहां हुए कामों को बता रहे थे। इसमें सबके साथ पर बता रहे थे लेकिन उनके बयान को भाजपा से दोस्ती के बयान से जोड़ कर गलत तरीके से पेश किया गया।
सुशील मोदी पर बोले नीतीश, कहा- बेचारे को हटा दिया, डिप्टी सीएम भी नहीं बनाया
वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से भाजपा पर हमला बोला है। आप ही बताइए कि सुशील मोदी पहले क्या थे। आप जरा बताइए। वह यहां कब थे। जब तक साथ थे तो ठीक काम कर रहे थे। आजकल बेचारे को तो हटा दिया। हमको तो तकलीफ हुआ कि बेचरा को डिप्टी सीएम नहीं बनाया। अब आजकल रोज बोलते रहते हैं और खूब छपता है। हमको कोई मतलब नहीं है, खूब छपवाओ। नीतीश कुमार ने कहा कि हम तो याद करवाते हैं कि बिहार के लिए कितना काम किया गया। हमारी बातें नहीं छपती है। आज कल तो मीडिया पर उनलोगों (मोदी सरकार) ने कब्जा कर लिया है। हमने कोई पार्टी की बात नहीं की थी। हम तो बिहार के हित में बोल रहे थे। भाजपा द्वारा लगातार अटैक करने के सवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जाने दीजिए, करने दीजिए। जिसको जितना अटैक करना है करने दीजिए। हमको कोई परवाह नहीं है। हमलोग रात दिन काम कर रहे हैं। कहीं पर कोई दिक्कत होती है तो एक-एक चीज पर बारिकी से नजर रखते हैं। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम काम में लगे रहते हैं। मेरी इधर-उधर कोई दिलचस्पी नहीं है। बिहार के विकास में ही केवल मेरी दिलचस्पी है।
मोतिहारी में नीतीश ने कहा था की जब तक जीवित हैं, बीजेपी के लोगों से दोस्ती रहेगी
दो दिन पहले मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह हो रहा था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मौजूदगी में नीतीश कुमार ने कहा था कि 2009 में केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोलने की मेरी मांग नहीं मानी थी 2014 में जब नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो मोतिहारी में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोला गया। नीतीश ने कार्यक्रम में बैठे भाजपा नेताओं से कहा था कि जब तक जिंदा रहेंगे तब तक उनसे संबंध रहेगा। नीतीश कुमार के इस भाषण के बाद सियासत शुरू हो गयी थी। राजद ने तो यहां तक कह दिया था कि नीतीश को वह दिन याद नहीं है जब वे प्रधानमंत्री के सामने हाथ जोड़ कर बिलबिला रहे थे। नीतीश कुमार को कुर्सी जाने का डर सता रहा है। नीतीश के भाषण को राजद ने बहुत गंभीरता से लिया है। राजद की ओर से नीतीश को चेतावनी भी मिली है। विधानसभा में विधायकों की जो संख्या है उसमें राजद को अपनी पुरानी सहयोगी पार्टियां कांग्रेस और वाम दलों के साथ सरकार बना और चला लेने में बहुत परेशानी नहीं है। अहम बात ये भी है कि विधानसभा अध्यक्ष राजद के हैं। ऐसे में राजद को विधानसभा में कोई परेशानी नहीं होने वाली है। राजद की नाराजगी से नीतीश कुमार को सत्ता जाने का डर सता रहा है। तभी पूरी जेडीयू सफाई देने में लगी है।

 

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