राजद के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ रामचन्द्र पूर्वे ने बताया कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा किये गए खुलासे से यह स्पष्ट हो गया है कि सीबीआई के संयुक्त निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और पीएमओ से मिलकर लालू परिवार के खिलाफ साजिश रची थी। राकेश अस्थाना के बारे में यह भी खुलासा हो चुका है कि वे घूस लेकर और राजनीतिक प्रभाव में आकर केश को बनाते बिगाड़ते रहे हैं। जिस पशुपालन मामले में लालू जी को सजा हुई है। उस केश के जांच अधिकारी भी अस्थाना हीं थे। ऐसी स्थिति में उनके द्वारा की गई जांच का निष्पक्ष होना संभव हीं नही है। इसलिए पशुपालन घोटाले में भी एक सुनियोजित साजिश के तहत हीं लालू जी को फंसाया गया है। इसी साजिश की अगली कड़ी के रूप में रेलवे होटल में ग्यारह साल पुराने मामले को पुनर्जीवित कर उसी के बहाने जनादेश से बनी सरकार को अपदस्थ कर चोर दरवाजे से जनादेश के खिलाफ नापाक गठबंधन की सरकार बनाई गई।
डाॅ पूर्वे ने कहा कि सृजन सहित अबतक 35 घोटाले इस एनडीए के शासनकाल में हो चुका है। अभी सूचना के अधिकार के तहत सीएजी द्वारा दिये गये जानकारी के अनुसार केवल दरभंगा और मुजफ्फरपुर ट्रेजरी से ही दो अरब तैंतीस करोड़ तेईस लाख रूपये का घोटाला उजागर हुआ है। यदि सभी जिलों की जांच करवाई जाये तो यह विश्व का सबसे बड़ा घोटाला साबित होगा। इस सरकार में ट्रेजरी लूट की खुली छूट दे दी गई है।
विधान मंडल के वर्तमान सत्र में विपक्ष सरकार से उक्त सवालों पर चर्चा कराने की मांग करेगी।