पटना में पुलिस ने मकान में मारा छापा, 5 लाख की विदेशी शराब बरामद, चार तस्कर गिरफ्तार, 17.61 लाख जब्त
पटना। पटना में अवैध शराब कारोबार पर पुलिस ने एक बार फिर बड़ा शिकंजा कसा है। जक्कनपुर थाना क्षेत्र के बैंक कॉलोनी में पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में विदेशी शराब की बड़ी खेप बरामद हुई है। बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बावजूद राज्य में शराब तस्करों की गतिविधियाँ लगातार सामने आती रहती हैं। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शराब तस्करी का नेटवर्क अब भी सक्रिय है और पुलिस को ऐसे तस्करों के खिलाफ लगातार कार्रवाई करनी पड़ रही है।
छापेमारी की शुरुआत
बुधवार सुबह गुप्त सूचना के आधार पर पटना पुलिस की टीम बैंक कॉलोनी स्थित एक मकान पर पहुंची। पुलिस को संदेह था कि इस मकान में अवैध शराब का स्टॉक रखा जा रहा है। जब पुलिस ने दरवाजा खटखटाया और तलाशी शुरू की, तो घर के कमरों से विदेशी शराब की बड़ी मात्रा में बोतलें बरामद हुईं। पुलिस के अनुसार जब्त की गई शराब का मूल्य करीब 5 लाख रुपये है।
तस्करों की गिरफ्तारी और बरामद कैश
छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से चार तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। यह सभी लोग उसी मकान को किराए पर लेकर वहां रह रहे थे। पुलिस को इनसे 17.61 लाख रुपये नकद भी मिले हैं, जो संभवतः शराब की बिक्री से इकट्ठा किए गए थे। यह राशि इस बात का संकेत है कि तस्करी का यह कारोबार लंबे समय से व्यवस्थित तरीके से चल रहा था। गिरफ्तार तस्करों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है, ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों का पता लगाया जा सके।
पत्रकार का था मकान, किराए पर लेकर करते थे तस्करी
जिस मकान में तस्कर रह रहे थे, वह एक स्थानीय पत्रकार का बताया जा रहा है। हालांकि पत्रकार स्वयं यहां नहीं रहते थे, बल्कि मकान को किराए पर दिया गया था। तस्करों ने इस मकान को रिहायशी इलाके में इसलिए चुना ताकि किसी को संदेह न हो। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि मकान मालिक को इस अवैध गतिविधि की जानकारी थी या नहीं।
तस्करों के नेटवर्क का खुलासा
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार तस्करों ने कई अहम खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले छह महीनों से वे इस जगह पर शराब का स्टॉक जमा कर रहे थे। शराब मध्यप्रदेश से ट्रेन के जरिए लाई जाती थी। दानापुर स्टेशन पर शराब उतारी जाती थी और वहां से ऑटो तथा ई-रिक्शा के माध्यम से बैंक कॉलोनी और विग्रहपुर स्थित दूसरे ठिकाने पर पहुंचाई जाती थी।
त्योहारी मौसम में बढ़ी सप्लाई
तस्करों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि छठ और दीपावली जैसे बड़े त्योहारों में भी उन्होंने भारी मात्रा में शराब की सप्लाई की थी। नए साल के जश्न को देखते हुए वे भारी मात्रा में स्टॉक तैयार कर रहे थे, ताकि बढ़ी हुई मांग का फायदा उठाया जा सके। पुलिस का मानना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं होती, तो नए साल के दौरान बड़े पैमाने पर अवैध शराब की बिक्री होती।
बड़े नेटवर्क के संकेत
पुलिस जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि गिरफ्तार तस्कर अकेले काम नहीं कर रहे थे, बल्कि इस कारोबार का एक बड़ा और संगठित नेटवर्क है, जो पटना के अलावा बिहार के अन्य जिलों में भी शराब की सप्लाइ करता था। यह नेटवर्क अच्छी तरह से बंटे हुए रोल्स पर काम करता था—कुछ लोग शराब लाने का काम करते थे, कुछ लोग स्टोर करते थे और कुछ इसे अलग-अलग जिलों तक पहुंचाते थे।
शराबबंदी के बावजूद तस्करों का सक्रिय होना
बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद राज्य सरकार ने शराब के उत्पादन, बिक्री और परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद शराब की तस्करी पूरी तरह खत्म नहीं हुई। तस्कर पुलिस से बचने के लिए अब नये-नये तरीके अपनाते हैं। जैसे इस मामले में देखा गया कि तस्करों ने रिहायशी इलाकों में किराए पर कमरे लेकर अपना धंधा चलाया ताकि किसी को शक न हो।
पुलिस की आगे की रणनीति
गिरफ्तार तस्करों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने की तैयारी में है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि शराब की सप्लाई किन-किन जिलों में की जाती थी और किन लोगों को इसमें शामिल किया गया था। साथ ही दानापुर रेलवे स्टेशन पर शराब उतारने की प्रक्रिया की भी जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में इसे रोका जा सके। पटना पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि शराबबंदी के बावजूद तस्कर नए रास्ते निकाल लेते हैं, लेकिन पुलिस भी उतनी ही सतर्क है और कानून के खिलाफ किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस मामले में बड़ी मात्रा में विदेशी शराब, कैश और तस्करों की गिरफ्तारी से स्पष्ट है कि प्रशासन के सामने चुनौती कठिन है, लेकिन पुलिस की सक्रियता से अवैध कारोबार पर अंकुश लग रहा है। आने वाले दिनों में इस नेटवर्क के और नाम सामने आने की संभावना है।


