संसद के शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष पर पीएम का हमला, मोदी बोले- पराजय पचा नही पा रहे कई दल
नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि हालिया चुनाव परिणाम, विशेषकर बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कई विपक्षी दलों को हिलाकर रख दिया है। प्रधानमंत्री ने विपक्ष से अपील की कि वह अपनी पराजय की निराशा से निकलकर सत्र में गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ भाग ले।
बिहार चुनाव नतीजों पर पीएम मोदी का तंज
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बिहार के नतीजों का उल्लेख करते हुए कहा कि कई दल अपनी हार को पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि बिहार परिणामों को काफी समय बीत चुका है, इसलिए अब विपक्ष शांत हो जाएगा, लेकिन ताजा बयानों से ऐसा लगता है कि पराजय की खीझ आज भी उनमें बनी हुई है। मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में जीत और हार दोनों ही स्वाभाविक हैं, लेकिन विपक्ष का यह व्यवहार लोकतांत्रिक मर्यादाओं के अनुरूप नहीं दिख रहा है।
पीएम मोदी की अपील—बिना बौखलाहट के सत्र में शामिल हों विपक्षी दल
प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से कहा कि शीतकालीन सत्र पराजय की बौखलाहट का मंच नहीं बनना चाहिए। साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी और सहयोगी दलों को भी चेताया कि यह सत्र विजय के अहंकार का मंच भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद देश के लिए क्या सोच रही है और क्या करने जा रही है, यह सत्र उसी उद्देश्य को मजबूत करे। जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही कोई मुद्दा अच्छा हो या बुरा, उस पर सारगर्भित और संतुलित टिप्पणी होनी चाहिए, जिससे जनता को सही जानकारी मिले।
एसआईआर का मुद्दा बनेगा विपक्ष का मुख्य हथियार
इस बार शीतकालीन सत्र में विपक्ष विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया वोटरों को सूचियों से हटाने का प्रयास है और इससे लोकतांत्रिक अधिकारों को नुकसान होगा। हाल के दिनों में इस मुद्दे पर केंद्र और विपक्ष के बीच तीखा विवाद देखने को मिला है। कई विपक्षी दल इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बता चुके हैं।
सरकार तैयार कर रही है 14 विधेयक पेश करने की योजना
वहीं दूसरी ओर, बिहार चुनाव में एनडीए की बड़ी जीत से उत्साहित केंद्र सरकार इस सत्र में 14 विधेयकों को पेश करने की तैयारी में है। यह विधेयक आर्थिक, प्रशासनिक और सामाजिक सुधारों से जुड़े हो सकते हैं। हालांकि, इन विधेयकों पर विपक्ष की प्रतिक्रिया कैसी होगी, यह सत्र शुरू होने के बाद ही स्पष्ट होगा। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, विपक्ष यदि एसआईआर और अन्य मुद्दों को लेकर आक्रामक रुख अपनाता है, तो सत्र में लगातार हंगामे की संभावना है।
सत्र पर पीएम मोदी की गंभीरता
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद की गरिमा को बनाए रखने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि सत्र को सुचारू, सार्थक और परिणामकारी बनाने के लिए दोनों पक्षों को संवाद के रास्ते अपनाने चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद केवल एक राजनीतिक मंच नहीं, बल्कि यह जनता की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम है। उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे जनहित के कार्यों में बाधा उत्पन्न न करें बल्कि रचनात्मक सुझाव दें, ताकि देश की प्रगति रुक न पाए। संसद का शीतकालीन सत्र इस बार कई कारणों से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एक ओर सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने जा रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष एसआईआर और चुनावी मुद्दों को लेकर आक्रामक है। प्रधानमंत्री मोदी के बयान ने पहले ही राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि सत्र सहयोग और चर्चा के माहौल में चलता है, या फिर हंगामे की भेंट चढ़ जाता है।


