बिहार में डिमांड से 68 फीसदी कम यूरिया, कृषि सचिव ने केंद्र सरकार पर लगाया नजरअंदाज करने का आरोप

पटना। बिहार में यूरिया पर जारी सियासी घमासान के बीच कृषि सचिव एस सरवन कुमार ने केंद्र सरकार पर बिहार के किसानों को नजरअंदाज करने का बड़ा आरोप लगाया है। बता दे की बुधवार को कृषि सचिव द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि रबी फसल के सीजन (अक्टूबर से जनवरी) के बीच जब किसानों को सबसे ज्यादा यूरिया की जरुरत होती है। तब भी केंद्र ने इस दौरान डिमांड से 68 फीसदी कम यूरिया बिहार को दिया है। वही उन्होंने कहा कि इन 4 महीनों में बिहार के लिए 10 लाख 30 हज़ार मिट्रिक टन यूरिया स्वीकृत है। लेकिन केंद्र सरकार की तरफ से इस अवधि में बिहार को मात्र 7 लाख 105 मिट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया है। इसके कारण राज्य के किसानों को यूरिया उपलब्ध कराने में परेशानी हो रही है। बता दे की राज्य में यूरिया की आपूर्ति को लेकर सत्ताधारी दलों और विपक्ष के बीच अब BJP के नेताओं के बीच जुबानी जंग छेड़े हुए है। वही राज्य के सत्ताधारी दल जहां केंद्र से कम यूरिया मिलने का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं BJP की तरफ से बताया जा रहा है कि राज्य में यूरिया की पूरी मात्रा दी गई है। केंद्र सरकार की तरफ से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई है। वही इस बीच क़ृषि विभाग की तरफ से ये आंकड़ा पेश किया गया है।
राज्य में 117 व्यापरियों पर दर्ज हुआ केस
वही कृषि सचिव ने बताया की राज्य में यूरिया की कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों पर भी लगातार कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने बताया कि 2022-23 में लगभग 6200 दुकानों पर छापामारी की गई। जिसमें 117 दुकानदारों पर केस दर्ज किया गया है। 214 दुकानों की लाइसेंस रद्द किया गया है। जबकि 494 व्यापारियों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। वही कृषि सचिव ने बताया कि राज्य भर में छापेमारी के लिए विशेष दल का गठन किया गया है। इसकी अगुआई खुद जिला कृषि पदाधिकारी कर रहे हैं। इसके अलावा जिलाधिकारी के नेतृत्व में हर महीने समीक्षा बैठक भी हो रही है।

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