जलजमाव से त्राहिमाम कर रहे ब्रह्मपुर मोहल्ले के लोग, पानी निकासी का नहीं है कोई इंतजाम

फुलवारीशरीफ (अजीत)। नगर परिषद के वार्ड 28 में सैकड़ों घरों में रहने वाले लोग जलजमाव से त्राहिमाम कर रहे हैं। हालात यह है कि पानी निकासी का कोई इंतजाम नहीं होने से अगले पांच-छह महीनों तक इसी नारकीय स्थिति में जीने को विवश होंगे।

विगत कई सालों से मुसीबत झेल रहे मोहल्ले वालों का यह दर्द साल-दर-साल बढ़ता ही जा रहा है। रानीपुर व ब्रह्मपुर के बीच अगजापर क्षेत्र में बसे लोगों को क्या पता था कि यह क्षेत्र एक दिन तालाब बन जाएगा।

लापरवाही का आलम यह है कि यहां बिना किसी योजना के विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने का प्रपंच चलता रहा। विगत कई वर्षों में यहां सड़कें बनाते समय निकासी का प्रबंध नहीं किया गया।

उल्टे पानी निकासी के लिए पहले से बने सभी मार्गों को सड़कों से घेर दिया गया। परिणाम यह हुआ कि इलाका तालाब बन गया। बरसात शुरू होते ही यहां तालाबनुमा क्षेत्र में दर्जनों घर टापू बन जाते हैं।

साल में आठ महीने तक मुसीबत झेलते हैं लोग

बरसात के मौसम में यं तो पटना के कई मोहल्लों में जलजमाव की समस्या देखी जाती है। लेकिन अधिकांश जगहों पर बरसात खत्म होते ही मुसीबत से छुटकारा मिल जाता है । इसके बजाय ब्रह्मपुर मुहल्ले में स्थिति काफी गंभीर है।

इस क्षेत्र में साल के छह-आठ महीने तक पानी जमा रहता है। मई-जून में बरसात शुरू होते ही जलजमाव शुरू हो जाता है और अगले वर्ष फरवरी- मार्च के महीने में जब तक धूप खिलने से पानी सूख नहीं जाता, लोगों को जलजमाव के बीच ही रहना पड़ता है ।

पिछले वर्ष सड़क काटकर निकालना पड़ा था पानी, फिर भी सचेत नहीं हुई फुलवारीशरीफ नगर परिषद

पिछले वर्ष हुई भारी बारिश के बाद पूरा ब्रह्मपुर मुहल्ला सहित करोडीनक के सैकड़ों मकान टापू बन गए थे । लोगों को कमर भर पानी से होकर आवाजाही करनी पड़ी थी । लोगों का आक्रोश फूटा तो अनिसाबाद-पुनपुन सड़क को जेसीबी से काट पानी की निकासी करनी पड़ी थी।

इस हालात से भी नगर परिषद ने कोई सबक नहीं लिया। समय रहते पानी निकासी का स्थायी प्रबंध नहीं होने से इस साल भी झोलनुमा इलाके में बसे सैकड़ों घरों के लोग बाहिमाम कर रहे हैं।

सड़क नहीं बनी तो मुहल्ले के लोगों ने खुद बनाया मोटरेबल रास्ता

नगर परिषद फुलवारीशरीफ में विकास के लाख दावों के बावजूद यह इलाका सड़क की सुविधा से महरूम रहा। विकास की यह रोशनी मुहल्ले की चुनिंदा गलियों तक ही पहुंच सकी। मुहल्ले के लोगों ने अपने खर्च से ईंट के टुकड़े मंगाए और मोटरेबल रास्ता बनाया।

हालांकि ऊंचाई कम होने के कारण इन रास्तों पर भी घुटने भर पानी भर गया है। वयस्क लोग तो किसी तरह पानी से होते हुए अपने काम पर जाते हैं, लेकिन कई बच्चों का स्कूल जाना बंद हो गया है।

क्या कहते हैं वार्ड पार्षद

वार्ड नंबर -28 के पार्षद संजय प्रसाद कहते हैं कि समस्या विकराल है, जिसके निदान के लिए प्रयास कर रहा हूं। जिस जगह पर पिछले वर्ष सड़क काट कर नाला डाला गया था, शायद धंस गया है। नगर परिषद से बात करके यहां मोटर से पानी खींचने का इंतजाम किया जाएगा।

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