काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे पवन सिंह, उपेंद्र कुशवाहा और माले से होगा त्रिकोणीय मुकाबला

पटना। भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। काराकाट से एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा तो महागठबंधन ने भाकपा (माले) के राजाराम सिंह को उम्मीदवार बनाया है। अब इस सीट से पवन सिंह ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। लिहाजा अब काराकाट सीट पर भी रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। पवन सिंह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा-माता गुरुतरा भूमेरू अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती है और मैंने अपनी मां से वादा किया था कि इस बार चुनाव लड़ूंगा। मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट से लड़ूंगा। दरअसल, पवन सिंह आरा के काराकाट से चुनाव लड़ना चाहते थे। इसे लेकर उन्होंने दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्ट (बीजेपी) ने पवन सिंह को आसनसोल से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन भोजपुरी एक्टर ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। पवन सिंह काराकाट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि एनडीए ने काराकाट सीट से उपेंद्र कुशवाहा को चुनावी मैदान में उतार है। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन से माले के राजाराम कुशवाहा मैदान में हैं। बीजेपी का टिकट ठुकराने के बाद उन्होंने बाद में ट्वीट कर कहा था कि वह चुनाव लड़ेंगे, लेकिन यह साफ नहीं किया था कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। अब पवन सिंह ने ऐलान कर दिया कि वह पश्चिम बंगाल के आसनसोल की सीट से नहीं, बल्कि बिहार के काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। अपने पोस्ट में पवन सिंह ने यह साफ नहीं है कि वह किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के ऐलान ये पहले पवन सिंह बीजेपी में शामिल हुए थे। कयास लगाया जा रहा था कि बीजेपी पवन सिंह को बिहार से चुनावी मैदान में उतारेगी, लेकिन आसनसोल से पवन सिंह की उम्मीदवारी के ऐलान के बाद सभी कयासों पर पूर्ण विराम लग गया था। इससे पवन सिंह को लेकर राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई थी। वहीं दूसरी ओर टीएमसी के नेता बाबुल सुप्रियो लगातार पवन सिंह पर निशाना साध रहे थे। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने बुधवार को 10वीं लिस्ट जारी की है। पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएस अहलुवालिया को टिकट दिया गया है। आसनसोल से पहले भोजपुरी सिंगर पवन सिंह को टिकट दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस सीट से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। अहलुवालिया 2019 में दुर्गापुर से चुनाव जीते थे। 2014 में वे दार्जिलिंग सीट से भी सांसद रह चुके हैं।
