डेंगू-चिकनगुनिया से बचाव को एसी-कूलर का पानी 4-5 दिन पर बदलते रहें

पटना सिटी (आनंद केसरी)। बिहार के 8 मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों को आरएमआरआई में डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव और इलाज के बारे में बता इस पर विमर्श किया गया। इसमें खासतौर पर कहा गया कि लोग जागरूक हों और बुखार होने पर डेंगू या चिकनगुनिया के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर खून की जांच कराएं। यह बात आरएमआरआई के वरीय वैज्ञानिक डॉ. कृष्णा पांडेय, स्टेट प्रोग्राम आॅफिसर डॉ एमपी शर्मा और डब्ल्यूएचओ के स्टेट हेड राजेश पांडेय ने शुक्रवार को कही।
दिन में काटता है एडिस मच्छर: डॉ के. पाण्डेय और डॉ एमपी शर्मा ने कहा कि डेंगू का एडिस मच्छर दिन में काटता है। इसलिए लोगों को दिन में फुल स्लिप शर्ट पहनना चाहिए। संभव हो तो मच्छर से बचने के लिए मॉस्किटो का इस्तेमाल करें। खासकर बरसात के मौसम में और साफ पानी में एडिस मच्छर रहता है। इस कारण से कूलर के पानी को 4-5 दिनों में जरूर बदल दें। एसी के पानी को भी साफ कर फेंकते रहें। आसपास में पानी या गंदगी को जमा न होने दें। खासकर घर में या आसपास नारियल का छिलका न रहने दें। यह डेंगू और चिकनगुनिया दोनों मच्छर के लिए पनाहगार होता है। इसमें तेज बुखार, जोड़ों का दर्द, सिरदर्द, होत है, तो जल्द चिकित्सक से मिल सलाह ले खून की जांच कराएं। इसमें ब्लीडिंग को रोकना और घटे प्लेटलेट्स को पूरा कर मरीज को बचाया जाता है। चिकनगुनिया में बुखार के साथ जोड़ों का दर्द उतना नहीं होता है।इसमें मरीज की मौत न के बराबर होती है। विचार-विमर्श में पीएमसीएच के डॉ दीपक, एनएमसीएच के डॉ सतीश कुमार सिंह आदि ने भाग ले अपनी बात रखी। स्टेट प्रोग्राम अफसर डॉ एमपी शर्मा, डब्ल्यूएचओ के स्टेट हेड राजेश पांडेय और डॉ कृष्णा पाण्डेय ने कहा कि डेंगू और चिकनगुनिया की जांच की सुविधा आरएमआरआई समेत बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में है।

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