पटना आर्ट्स कॉलेज में ‘पटना कलम का पुनः प्रचलन’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

पटना(अजित)। इंटैक पटना चैप्टर की ओर से पटना कला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में “पटना कलम” का पुनः प्रचलन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन पटना के पटना आर्ट्स कॉलेज में किया गया। वही इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कलाप्रेमी, सामाजिक कार्यकर्ता, इतिहासकार, पत्रकार छात्र-छात्राएं एवं अन्य बुद्धिजीवी मौजूद रहे। वही इस कार्यक्रम के दौरान ‘पटना कलम का पुन: प्रचलन’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षकता करते हुए पटना कला महाविद्यालय के प्राचार्य अजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि पटना कलम का पुन: प्रचलन हमारी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण ही नहीं है बल्कि हमारी जिम्मेवारी भी है। इसके तकनीकी एवं व्यापारिक पक्षों पर निर्णय लेने से पहले हमें पूर्वाग्रह से बचने की आवश्यकता भी होगी। डी. वायली के समय लिथोग्राफ पर तैयार होनेवाले पटना कलम की विरासत की चर्चा करते हुए प्रो. राखी कुमारी ने कहा कि रिवाईवल हेतु लिथोग्राफ तकनीक का भी उपयोग किया जा सकता है। फिलाटेलिस्ट प्रदीप जैन ने कहा कि पटना आर्ट कॉलेज के छात्रों को पहले इसके ऐतिहासिक पक्ष को जानने की आवश्यकता है। उन्हों ने बच्चों से अनुरोध किया कि बिहार संग्रहालय, पटना संग्रहालय, खुदा बख्श लाईब्रेरी और पटना कला महाविद्यालय के संग्रह में रखी पेंटिंग्स की बारीकियों से अवगत होना आवश्यक है और इस हेतु इसकी प्रदर्शनी आयोजित की जानी चाहिए।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के डी.एन.सिन्हा ने कहा कि पटना कलम के रिवाईवल के लिए हमें कला के तकनीकी पक्ष, कलाकारों एवं कला प्रेमियों की पसंद और बाजार की मांग को भी ध्यान में रखना चाहिए। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक अखौरी विश्वप्रिय ने कहा कि प्रकृति की विविधताओं से हम पेंटिंग्स के रंग ग्रहण कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पटना कलम के चित्रों की प्रदर्शनी आयोजित करना और कलाकारों के परिवारजनों को खोजने का काम भी करना चाहिए। पटना कलम पर शोध करनेवाली पूजा कुमारी ने कहा पटना कलम का रिवाईवल कठिन नहीं है, लेकिन हमें इसके लिए उदारतापूर्वक सोचना आवश्यक है। आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए इन्टैक, पटना के भैरव लाल दास ने कहा कि मुगल सम्राट शाहजहां की नीतियों के विरुद्ध औरंगजेब ने जब कला एवं कलाकारों पर ध्यान नहीं देकर राजनीतिक विस्तार पर ध्यान देना आरंभ किया तो उनके दरबार के चित्रकार और कलाकारों का पलायन आरंभ हो गया। उन्होंने आगे कहा कि पटना कलम के पुन: प्रचलन हेतु सभी पक्षों का सहयोग आवश्यक है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रो. अनामिका नन्दन ने कहा कि आगामी छठ पूजा के हेरिटेज पक्ष को विश्व धरोहर में शामिल करने के लिए इन्टैक द्वारा विशेष फोटोग्राफी कराई जाएगी। वही इस कार्यक्रम में चेतना समिति के पूर्व अध्यक्ष विवेकानन्द झा, आदित्य जालान, रश्मि प्रियदर्शी, पुष्य मित्र, सीटू तिवारी, डॉ. प्रियदर्शी हर्षवर्धन, रितेश वी. नारायण, डॉ. विनोद कुमार, लता प्रासर, डॉ. विनय कर्ण सहित पटना कला महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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