उपेक्षा का शिकार दुल्हिन बाजार का मुगलकालीन राधाकृष्ण मन्दिर

खंडहर में तब्दील होती जा रही मन्दिर का भवन, ढह रही है दीवारें, दरक गयी है गुम्बज

दुल्हिन बाजार। पटना जिले के दुल्हिन बाजार प्रखण्ड क्षेत्र के धाना गांव में सोन नदी के तट पर स्थित प्राचीन मुगलकालीन राधाकृष्ण मन्दिर धार्मिक न्यास बोर्ड के उपेक्षा का शिकार है। उचित देखरेख के अभाव में मन्दिर का भवन खंडहर में तब्दील होती जा रही है।
इस मन्दिर के ऊपरी भाग में दो भब्य नक्काशीदार गुम्बज है जो उचित देखरेख के अभाव में ध्वस्त होती जा रही है। यहां तक कि मंदिर के भवन की दीवारों में दरारें पड़ गयी है। कई कमरों की छतें गिर चुकी है। वहीं इस मंदिर परिसर में कई प्राचीन मूर्तियां भी है। जबकि मन्दिर के गर्भगृह में अष्टधातु से निर्मित राधाकृष्ण की प्रतिमा विराजमान है। मन्दिर के गर्भगृह तक पहुंचने के लिए सात दरवाजों से गुजरना पड़ता है, लेकिन देखरेख के अभाव में दरवाजों के सभी लकड़ियों की बनी किवाड़े नष्ट होती जा रही है।
बुजुर्गो का कहना है कि इस मन्दिर का निर्माण 16वीं सदी में मुगल शासन काल के दौरान महान संत बाबा दयाराम के द्वारा कराई गई थी। उस समय इस मन्दिर की प्रसिद्धि दूर दूर के इलाकों तक फैली थी। मन्दिर में स्थापित राधाकृष्ण की प्रतिमा के दर्शन व पूजा पाठ के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती थी। वही 65 वर्षीय बुजुर्ग सोहराई मिस्त्री का कहना है कि इस मंदिर के अधीन सैकड़ों बीघे जमीन है जिससे प्राप्त होनेवाले आय द्वारा पूर्व समय में मन्दिर के भवनों की मरम्मत व देखभाल किया जाता था, लेकिन धीरे धीरे उन जमीनों पर आसपास के ग्रामीणों ने कब्जा कर लिया, जिससे आय का स्रोत बन्द हो गया। उसके बाद देखभाल के अभाव में धीरे धीरे मन्दिर की ऐसी दुर्दशा हो गयी।
वहीं ग्रामीण रितेश शर्मा ने बताया कि यह मंदिर धार्मिक न्यास बोर्ड से पंजीकृत है। फिलहाल इस मंदिर की देख रेख पटना जिला धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से पूजा पाठ करने के लिए मनोनीत किये गए यमुना दास के द्वारा किया जाता है। वहीं मन्दिर के पुजारी यमुना दास ने बताया कि यह मंदिर धार्मिक न्यास बोर्ड से पंजीकृत होने के बावजूद भी उपेक्षा का शिकार है। वहीं उन्होंने बताया कि इसके मरम्मत के लिए सन 2016 में 41 लाख की राशि सरकार की ओर से दी गयी थी लेकिन बाद में उसका आजतक कोई अता पता नहीं चल पाया।
वहीं स्थानीय जिला पार्षद रामनिवास शर्मा उर्फ मेहीजी ने बताया कि धार्मिक न्यास बोर्ड से पंजीकृत होने के बावजूद भी यह मंदिर बोर्ड के उपेक्षा का शिकार है। जबकि पालीगंज एसडीओ सुरेन्द्र प्रसाद ने बताया कि दुल्हिन बाजार सीओ के द्वारा मन्दिर के जमीन की जांच करवाई जाएगी।

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