मांझी ने बुलाई हम पार्टी की कोर कमेटी की बैठक, भविष्य की रणनीतियों पर होगा बड़ा फैसला

पटना। बिहार में इन दिनों गर्मी के साथ-साथ सियासी तापमान भी तेजी से बढ़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संयोजक जीतन राम मांझी इन दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन से नाराज बताए जा रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात किया। मुलाकात के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि हमें पटना में होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया है लेकिन हमें इस बात का कोई मलाल नहीं। वही आज जीतन राम मांझी ने बड़ा मास्टर स्ट्रोक देते हुए अपनी पार्टी की कोर कमेटी की बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि पार्टी के नेताओं जीतनराम मांझी के आवास पर आने कहा गया है। माझी के आवास पर ही बैठक होगी। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर बुलाई गई बैठक में पार्टी के भविष्य की रणनीतियों को लेकर अहम फैसला हो सकता है। हम के प्रधान महासचिव राजेश पाण्डेय ने यह बैठक बुलाई है। जीतनराम मांझी पिछले कुछ समय से लगातार अपने बयानों और राजनीतिक गतिविधियों से सियासी चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत बिहार की महागठबंधन सरकार के कई निर्णयों पर मांझी आपत्ति जताते रहे हैं। यहां तक कि शराबबंदी को लेकर वे कई बार नीतीश सरकार को घेर चुके हैं। उनके विवादित बयानों से कई बार नीतीश सरकार भी अलग अलग मोर्चों पर असहज हुई है। मांझी के इन्हीं बयानों के बीच हाल ही में नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल राज्य के वित्त मंत्री और वरिष्ठ जदयू नेता विजय कुमार चौधरी ने दो बार जीतनराम मांझी से मुलाकात की। माना गया कि इन मुलाकातों के पीछे मूल कारण मांझी को महागठबंधन के साथ जोड़े रखना है। इस बीच हाल ही में जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कहा था कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी 8 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। संतोष के इस बयान को प्रेशर पोलिटिक्स के तौर पर देखा गया। कयासबाजी लगाई जाने लगी कि अगर नीतीश कुमार नीत महागठबंधन ने जीतनराम मांझी की पार्टी को लोकसभा चुनाव में ठीकठाक सीटें नहीं दी तो जीतनराम मांझी एनडीए में जा सकते हैं।

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