पटना पुलिस का खुलासा : पांडव गिरोह ने की पूर्व विधायक चितरंजन सिंह के 2 सहोदर भाईयों की हत्या, जानिए कैसे दो दोस्त बने जान के दुश्मन

पटना। बीते 31 मई की शाम राजधानी पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के हनुमान मंदिर स्थित काली मंदिर रोड इलाके में अरवल के पूर्व विधायक चितरंजन सिंह के दो भाईयों चार्टर्ड अकाउंटेंट शम्भू सिंह और गौतम सिंह को बेखौफ अपराधियों ने बीच सड़क पर गोलियों से भून दिया था। इस हत्याकांड से पुलिस मुख्यालय में हड़कंप मच गया था। पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर लगातार उठ रहे थे। आनन-फानन में खुद पटना एसएसपी मौके पर पहुंचे थे और इस हत्याकांड को लेकर शक की सूई पांडव गिरोह के सरगना संजय सिंह पर जाकर अटक रही थी। घटना के दूसरे ही दिन सिटी एसपी ईस्ट प्रमोद कुमार के नेतृत्व में बनी एसआईटी ने नामजद आरोपियों में से एक बबलू शर्मा को गिरफ्तारी कर लिया। जिससे पटना पुलिस की राहें आसान हो गई। बबलू शर्मा की गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ की तो पूरे मामले का खुलासा हो गया।
एसएसपी ने किया हत्याकांड का खुलासा
पटना एसएसपी ने बताया कि 1993 में पटना के धनरूआ के नीमा गांव में एमसीसी और दूसरे नक्सली संगठनों के विरोध के तौर पर पांडव गिरोह का गठन किया गया था। इस पांडव गिरोह में संजय सिंह और चितरंजन सिंह के अलावा तीन अन्य लोग थे। इस गिरोह ने देखते ही देखते कारोबारियों को समर्थन देने और सुरक्षा देने के नाम पर पैसे की वसूली शुरू कर दी। संगठन के पास हथियार भी जमा होने लगे। एक ऐसा समय भी आया जब इस गिरोह ने भारी मात्रा में अवैध संपत्ति अर्जित कर ली।
आपसी अदावत बढ़ती गई
बाद में इसी दौरान गिरोह के दो सदस्यों की हत्या हो गई, जबकि एक सदस्य की दुर्घटना में मौत हो गई। 2004 में अशोक सिंह और बबलू सिंह की हत्या हो गई। जबकि ग्रुप के सक्रिय सदस्य विजेंद्र सिंह की एक्सीडेंट में मौत हुई थी। उसके बाद चितरंजन सिंह और संजय सिंह में आपस में गाढ़ी दुश्मनी हो गई। दरअसल, चितरंजन सिंह विधायक बन गए जबकि संजय सिंह को ऐसा लगने लगा था कि उनके पीछे पुलिस पड़ी है और इसमें चितरंजन सिंह का ही हाथ है। लिहाजा दोनों की दुश्मनी की खाई धीरे-धीरे चौड़ी होती चली गई।
चितरंजन के चाचा और चचेरे भाई की हुई थी हत्या
वर्ष 2020 में जब संजय सिंह के ऊपर गोली चली तब संजय सिंह ने इसका कोई केस भी दर्ज नहीं करवाया और वह पटना में इलाज करवाता रहा। 2020 के इस गोलीकांड के बाद संजय सिंह और चितरंजन सिंह के बीच दुश्मनी और बढ़ गई। संजय सिंह चितरंजन सिंह से बदला लेने की फिराक में रहने लगा और वह लगातार प्रतिशोध की भावना में था। इसी दौरान इसी साल अप्रैल में जहानाबाद में होटल कारोबारी चितरंजन के चाचा अभिराम शर्मा और मसौढ़ी में चचेरे भाई की हत्या एक ही दिन हो गई। इसमें संजय सिंह पर संदेह जाहिर किया गया था। इस हत्याकांड को नीतीश नामक एक अपराधी ने अंजाम दिया था, जो फिलहाल बेऊर जेल में बंद है।
झारखंड में छापेमारी कर रही पटना पुलिस की टीम
पटना के एसएसपी मनजीत सिंह ढिल्लो के अनुसार, हाल के दिनों में संजय सिंह के एक और सदस्य सुधीर शर्मा की पिछले 26 मई को हत्या हो गई। इसके बाद से चितरंजन सिंह के करीबी ने नीमा गांव जाकर यह प्रचारित करना शुरू कर दिया था कि उसकी हत्या उन्हीं लोगों द्वारा करवाई गई है। चितरंजन सिंह के भाईयों की हत्या का तात्कालिक कारण यही बना। इस दोहरे हत्याकांड के बाद पांडव गिरोह का सरगना संजय सिंह फिलहाल भागकर झारखंड चला गया है और पटना पुलिस की एक विशेष टीम झारखंड में मौजूद है, ताकि गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके। पटना पुलिस झारखंड पुलिस से भी सहयोग ले रही है।

About Post Author

You may have missed