PATNA : खुदा बख्श लाइब्रेरी में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन, राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किया उद्घाटन

पटना। राजधानी पटना स्थित खुदा बख्श लाइब्रेरी में आज मदरसा सिस्टम पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। वह इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किया। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान कहा कि वैसे मुझे इस लाइब्रेरी में आना ही बहुत ही अच्छा लगता है। क्योंकि, यह लाइब्रेरी बिहार की नहीं बल्कि पूरे देश की संपत्ति है। उन्होंने कहा की इस लाइब्रेरी में जो पुस्तक हैं, वह हमारी पूरी संस्कृति को बताती है। पूरे दुनिया और विश्व के सामने हमारी क्या विशेषता थी। इसको सबके सामने रखने के लिए इस लाइब्रेरी ने काफी सालों से अहम भूमिका निभाई है। जी-20 सम्मेलन को लेकर राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रों के प्रमुख ने हमारा उतना अच्छे से सम्मान किया। यह केवल मोदी जी के कारण नहीं है। बल्कि हम सब के कारण है। देश की 140 करोड़ जो जनता है। उसी के कारण मोदी जी वहां बोल पाते हैं, नहीं तो उनको यह ताकत कहां से आती है। वहीं राज्यपाल ने आगे कहा कि मदरसा सिस्टम के जिस विषय को लेकर के आज हम लोग यहां पर बैठे हैं या बहुत ही सुंदर विषय है। हमारा देश हुकूमत किसी की भी हो लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पूरी दुनिया को मार्गदर्शन करते आया है। पूरे देश और पूरी दुनिया में हमारे देश के लोगों ने कुछ खासियत बनाकर रखी है। जब भी भारत के लोग यहां से बाहर जाते हैं। जहां भी जाते हैं तो वहां के लोगों में हिंदुस्तानी के प्रति थोड़ा आधार होता है। महामहिम ने आगे कहा कि जैसे इकबाल ने कहा था कुछ बात है ऐसी की हस्ती मिटती नहीं हमारी। इसमें हस्ती क्या है कि इतने वर्षों से हम लोग भाई-बहन बनाकर इस देश में रहे हैं। हमारा भाईचारापन जो है उसी को हम संस्कृति कहते हैं। हमारे लोग जब यहां से बाहर गए तो किसी पर युद्ध और जंग लड़ने के लिए नहीं गए। हमारा विचार और हमारी सोच यहां से बाहर लेकर गए है। मदरसा पर अगर आज कुछ लोग ऐसे-वैसे बोलते हैं। तो ऐसे सोच वालों को सुधारने की जिम्मेदारी हमारी बनती है। मदरसा में हमेशा से अच्छी शिक्षा दी जाती है। सरकार में भी कुछ लोग उल्टा सीधा बोलने वाले होते हैं, लेकिन उनकी सोच बदलने का जिम्मा किनका होता है। वह हमारा होना चाहिए।

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