पूर्णिया में हैवान पिता ने डेढ़ साल की बच्ची को किन्नर समझकर मार डाला, आरोपी गिरफ्तार, दादी और चाचा फरार

पूर्णिया। पूर्णिया जिले के भवानीपुर थाना क्षेत्र के भमेठ गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पिता ने किन्नर होने के शक में अपनी डेढ़ साल की मासूम बेटी की नृशंस हत्या कर दी। आरोपी पिता ब्रह्मदेव कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि इस जघन्य कृत्य में सहयोगी माने जा रहे उसकी मां राधा देवी और भाई कैलाश राम फरार हैं। मृतका की मां हिना कुमारी ने भवानीपुर थाना में पति, सास और देवर के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है। पीड़िता का आरोप है कि उसकी बेटी के किन्नर होने का शक कर परिवार वाले उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। गुरुवार दोपहर जब वह खेत में काम करने गई थी, उसी दौरान उसके पति ने सास और देवर के उकसावे में आकर मासूम की नाक-मुंह और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।घटना के बाद आरोपी ब्रह्मदेव ने अपनी पत्नी से माफी मांगी और उसे चुप रहने के लिए कहा। लेकिन हिना ने हिम्मत दिखाते हुए इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी। सूचना मिलते ही धमदाहा के एसडीओपी संदीप गोल्डी दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है तथा अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। पीड़िता हिना कुमारी ने बताया कि बेटी के जन्म के समय से ही पति और ससुराल वाले उसे पसंद नहीं करते थे। बेटी के किन्नर होने का शक जताते हुए पहले भी उसे मारने की कोशिश की गई थी, जिसके बाद वह मायके चली गई थी और वहां एक साल तक बच्ची का पालन-पोषण किया। छह महीने पहले ससुराल वालों ने माफी मांगकर उसे वापस बुलाया था, लेकिन तब से उसे रोज ताने मिलते रहे कि उसने ‘किन्नर’ को जन्म दिया है। हिना ने चार दिन पहले ही पूर्णिया के एक डॉक्टर को अपनी बेटी दिखाया था। डॉक्टर ने साफ कहा था कि बच्ची किन्नर नहीं है, थोड़ी शारीरिक समस्या है जो समय के साथ ठीक हो जाएगी। इसके बावजूद परिवार वाले अपनी सोच से बाहर नहीं निकल सके और अंततः बच्ची की हत्या कर दी गई। भवानीपुर थानाध्यक्ष सुनील कुमार मंडल ने बताया कि बच्ची की मां के आवेदन पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। मुख्य आरोपी ब्रह्मदेव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है और फरार सास और देवर की तलाश जारी है। यह घटना न सिर्फ पारिवारिक क्रूरता का उदाहरण है, बल्कि सामाजिक मानसिकता और कुप्रथाओं की भयावह तस्वीर भी पेश करती है, जहां अब भी बेटी को बोझ और शारीरिक भिन्नता को अभिशाप समझा जाता है। पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। इस निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है और लोगों में आक्रोश और शोक की लहर है। ग्रामीणों का कहना है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि ऐसी सोच और ऐसे अपराधों पर रोक लगाई जा सके।

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