देश के बड़े शहरों के बाद अब पटना में भी बढ़ी संक्रमित मरीजों की संख्या, लोगों की लापरवाही से खतरा बढ़ा

पटना। देश में दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु के बाद अब राजधानी पटना में भी कोरोना का शिकंजा कसने लगा है। पहली, दूसरी और तीसरी लहर की तर्ज पर धीरे-धीरे संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। गत पांच दिन से औसतन छह नए संक्रमित मिल रहे हैं। यह तब है, जबकि लक्षण होने के बावजूद लोग कोरोना की जांच नहीं करा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में कुल 58 कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है, इनमें से 45 पटना जिले के निवासी हैं। रविवार को आठ नए संक्रमित मिले हैं।
स्टेशनों पर औसतन 50 लोग करा रहे जांच, जांच की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं
पहली, दूसरी और तीसरी लहर में अन्य प्रदेशों से आए लोगों ने ही राजधानी व प्रदेश में कोरोना संक्रमण फैलाया था। इस बार भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी संक्रमण बढऩे का कारण शादी-विवाह में अन्य प्रदेशों से आए लोगों को मान रहे हैं। बावजूद इसके स्टेशनों पर जांच की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। वही पटना जंक्शन में सिर्फ एक शिफ्ट में जांच की व्यवस्था है और औसतन हर दिन 50 यात्रियों की जांच की जा रही है। बताते चलें कि पटना जंक्शन, दानापुर, पाटलिपुत्र और राजेंद्र नगर टर्मिनल पर हर दिन 350 से अधिक ट्रेनें आती हैं। सिविल सर्जन डा. विभा कुमारी सिंह के अनुसार अधिक से अधिक जांच कराने के लिए डाक्टर हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। बुखार, सर्दी-खांसी से डायरिया तक के रोगियों को कोरोना जांच कराने को कहा जा रहा है। बावजूद इसके अधिकतर लोग जांच नहीं करा रहे हैं। कई लोग डाक्टरों से झगड़ा तक करने लगते हैं। ऐसे में सख्त उपाय करने पर विचार किया जा रहा है।

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