विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस, पद से हटाने की तैयारी में नीतीश सरकार

पटना। बिहार की सत्ता से बाहर जाते ही राजद के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। नीतीश कुमार और सम्राट चौधरी की नई सरकार ने लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को पद से हटाने की तैयारी की जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष और राजद नेता अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भेजा है। बीजेपी के नंदकिशोर यादव समेत कई विधायकों ने विधानसभा के सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस थमाया है। अगर वह अपने पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटा दिया जाएगा। बीजेपी के सहयोग से एनडीए की सरकार बनते ही बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर हटाने का दबाव बनाया जा रहा है। नई सरकार को अपना बहुमत साबित करना बाकी है। बीजेपी को आशंका है कि आरजेडी का स्पीकर रहने से उन्हें  फ्लोर टेस्ट में परेशानी हो सकती है। तेजस्वी यादव ने रविवार को ऐलान किया था कि अभी असली खेला होना बाकी है। उसके बाद सरकार में शामिल दल सचेत होते दिख रहे हैं। इन्हीं परिस्थियों में यह कदम उठाया गया है। स्पीकर के खिलाफ नोटिस देने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी तारकिशोर प्रसाद, जदयू के विनय कुमार चौधरी, पूर्व मंत्री रत्नेश सदा समेत कई विधायकों के नाम शामिल हैं। बिहार विधानसभा में एनडीए मजबूत स्थिति में है। सभी दलों को मिलाकर उनके पास 128 विधायकों का आंकड़ा है जबकि महागठबंधन में 114 विधायक हैं। ऐसी स्थिति में यह तय है कि हर हाल में राजद के स्पीकर को हटाना पड़ेगा। या तो वह इस्तीफा देकर पद खाली कर देंगे, अन्यथा की स्थिति में अविश्वास प्रस्ताव लाकर विरोधी उन्हें पद से हटा देंगे। इधर लालू यादव यादव और तेजस्वी यादव की भी मुश्किलें बढ़ती हुई दिख रही हैं। दोनों से ईडी पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। ईडी की टीम पटना पहुंच गई हैं। लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में पूर्व सीएम राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती और लालू की एक अन्य बेटी हेमा यादव को कोर्ट ने 9 फरवरी को तलब किया है।

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