छपरा शराबकांड को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को दिया नोटिस, कार्रवाई को लेकर मांगी जानकारी

पटना। बिहार के छपरा में जहरीली शराब से 50 से अधिक मौतों के बाद सड़क से सदन तक संग्राम मचा हुआ है। इस बीच जहरीली शराब कांड को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बिहार सरकार को नोटिस दिया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सारण जिले में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत होने की मीडिया रिपोर्टों का स्वत: संज्ञान लिया है। मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और बिहार डीजीपी से शराब से मौत मामले में अभी तक की गई हर एक कार्रवाई को लेकर जानकारी मांगी है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस घटना को बिहार सरकार द्वारा लागू शराबबंदी कानून की असफलता बताया है। आयोग ने जहरीली शराब से मौत मामले में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों के आधार पर कहा कि अगर शराब से मौत की बात सही है तो यह मानवाधिकार को लेकर चिंतित करने वाला मामला है। ऐसे में यह घटना बिहार सरकार द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी की बड़ी असफलता को दर्शाता है। मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और बिहार डीजी से शराब से मौत मामले में अभी तक की गई हर एक कार्रवाई, मेडिकल ट्रिटमेंट, एफआईआर आदि की रिपोर्ट तलब की है। साथ ही आयोग ने यह भी बताने को कहा है कि सरकार ने इतनी बड़ी घटना के लिए जिम्मेदार किन प्रशासनिक पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है।

दरअसल बिहार में जहरीली शराबकांड को लेकर बवाल मचा हुआ है। 48 घंटे के अंदर मौत का आंकड़ा 57 तक पहुंच गया है। फिलहाल गुरुवार तक जिला प्रशासन ने 26 मौतों की पुष्टि संदिग्ध पदार्थ पीने की वजह से की है। इधर इस मसले पर विधानसभा में भी खूब हंगामा हो रहा है। बीजेपी ने सदन का वॉकआउट कर राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। वहीं इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्करी करने वाले 200 धंधेबाजों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि छपरा में शराब से मौतों का आंकड़ा 59 हो गया। पहले दिन मंगलवार को 5 मौतें हुई थीं। इसके बाद बुधवार को 25 और गुरुवार को 19 लोगों की जान गई। शुक्रवार सुबह तक 10 और लोगों को जहरीली शराब निगल गई। वही जांच के लिए SIT बनाई गई है। उत्पाद विभाग की 7 टीमें छापेमारी कर रही है।

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