BIG BREAKING : कल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे नीतीश कुमार, बीजेपी के साथ नई सरकार का गठन, शाम को होगा शपथ ग्रहण

  • रविवार को शपथ ग्रहण, राजभवन के कर्मियों की छुट्टी रद्द, टूटेगा इंडिया गठबंधन

पटना। बिहार में नीतीश-लालू का गठबंधन टूट गया है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश रविवार सुबह 10 बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इसके साथ ही वे नई सरकार बनाने का दावा भी पेश करेंगे। जदयू कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। नीतीश राज्यपाल से कल ही नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाने को भी कहेंगे। नीतीश कुमार कल 28 जनवरी को सुबह 10 बजे इस्तीफा देंगे और उसी दिन शाम के 4 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ भी लेंगे। बीजेपी कोटे से दो डिप्टी सीएम पर विचार चल रहा है। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का बयान सामने आया है जिसमें मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमे नहीं पता कि नीतीश जी इस्तीफा देंगे। फिलहाल उनसे संपर्क साधने की कोशिश हो रही है। वही तेजस्वी यादव ने कहा है कि जनता ही न्याय करेगी। शपथग्रहण को लेकर राजभवन सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है। मतलब साफ है कि शपथग्रहण कार्यक्रम को लेकर जिन अधिकारियों की जरूरत होती है उन सभी लोगों की छुट्टी रद्द कर दी गयी है ताकि किसी भी तरह का कोई भी व्यवधान उत्पन्न ना हो सके। अब तक नीतीश कैबिनेट में राजद कोटे के मंत्री रहे नेताओं ने अपनी सभी सरकार सुविधाओं को वापस कर दिया है। शनिवार रात तक मुख्यमंत्री आवास पर बीजेपी का समर्थन पत्र पहुंच जाएगा। बीजेपी आज अपने विधायक दल की बैठक में अपने विधायकों से समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर कराएगी। इधर, आज नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री आवास पर अपने करीबी और विश्वस्त नेताओं की बैठक बुलाई है। इस बैठक में अशोक चौधरी, विजय चौधरी, संजय झा समेत कई बड़े जेडीयू नेता सीएम आवास पर पहुचेंगे। शनिवार शाम पार्टी के सभी विधायकों से दस्तखत लेकर उनके समर्थन की चिट्ठी ले ली जाएगी। उसके बाद पार्टी के दो-तीन सीनियर लीडर ये चिट्ठी लेकर शनिवार रात नीतीश कुमार से मुलाकात कर सकते हैं। ये भी बताया जा रहा है कि इस बार की भी एनडीए सरकार में दो डिप्टी सीएम बीजेपी कोटे से होंगे। एक पद के लिए रेणु देवी का नाम तय होने की बात कही जा रही है । वे अति पिछड़े समुदाय से आती हैं। जानकारी के अनुसार, जदयू ने भी अपने सांसदों,एमएलए, एमएलसी को तुरंत पटना पहुंचने को कहा है। कुल मिलाकर आज और कल का दिन बिहार की राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से फिर मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा है। नीतीश इससे पहले अगस्त 2022 में एनडीए को छोड़ कर लालू से संबंध बनाया। पिछले नौ वर्षों में नीतीश कुमार तीन बार पाला बदलकर बिहार में सरकार बनाया। गठबंधन किसी के साथ रहा हो सीएम की कुर्सी नीतीश के पास हीं रहीं। नीतीश साल 2022 में 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए नीतीश कुमार बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं। तो वहीं राजद सुप्रीमो लालू यादव का सपना था कि वे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को सीएम के कुर्सी पर देखें। मुख्यमंत्री नीतीश ने एक तरह से तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित करते हुए तेजस्वी के नेतृत्व में साल 2025 के चुनाव होने की बात कही तो लालू को लगता था कि उनका सपना साल 2025 में पूरा हो जाएगा और अपने बेटे तेजस्वी यादव की बतौर मुख्यमंत्री ताजपोशी होती देखेंगे। इससे पहले हीं बिहार में खेला हो होता दिख रहा है। राजद सुप्रीमों लालू यादव और उनके बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का दर्द है कि उनकी सपना लटक गया है। वहीं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की ओर से दावा किया गया है कि बहुमत का जादुई आंकड़ा उनके पास है। आंकड़ों के अनुसार लालू के पास अभी 115 विधायकों का समर्थन है। लेकिन अगर कहीं कथित तौर पर कांग्रेस में टूट होती है तो ये आंकड़ घट कर काफी कम हो सकता है। हालांकि, लालू प्रसाद यादव को नीतीश कुमार के अगले कदम की प्रतीक्षा है। इस समय बीजेपी के पास 78 विधायक हैं। वहीं जदयू के पास 45 विधायक हैं। जीतन राम मांझी की पार्टी हम के पास 4 विधायक हैं। वहीं आरजेडी के पास 79 विधायक हैं, कांग्रेस के पास 19, लेफ्ट के 16, एआईएमआईएम के 1 और निर्दलीय एक विधायक है।

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