अगवानी पुल मामला : भ्रष्टाचार के इस मामले में नीतीश सरकार शामिल, रालोजद ने कहा- इसलिए CBI जांच से भाग रही है महागठबंधन

पटना। बिहार के भागलपुर में अगवानी पुल के टूटने के बाद से ही बिहार में सियासत गरमाई हुई है। वही पक्ष-विपक्ष के बीच लगातार तीखी बयानबाजी का दौर जारी है। वही इसी क्रम में रालोजद ने भी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा है। साथ ही तेजस्वी यादव के बयान को लेकर कई सवाल भी खड़े किए है। दरअसल, पुल गिरने के बाद रालोजद के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता ईं. शंभूनाथ सिन्हा ने इस घटना की जांच CBI से कराने की मांग की थी। लेकिन उपमुख्यमंत्री ने इस मांग को यह कहकर खारिज कर दिया कि, CBI कोई इंजीनियर है क्या जो इसकी जांच करेगी। वहीं रालोजद ने तेजस्वी यादव के इस बयान को बेहद शर्मनाक और हास्यास्पद बताते हुए तेजस्वी यादव पर पलटवार किया है। वही रालोजद ने तेजस्वी यादव से सवाल किया है क्या वे MBBS हैं जो राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बने हैं अथवा इंजीनियर हैं कि पथ निर्माण मंत्री हैं। उन्होंने आगे कहा कि किसी राज्य के डिप्टी CM का ऐसा बयान यही प्रमाणित करता है कि या तो उन्हें संवैधानिक संस्थाओं के बारे में कोई ज्ञान नहीं है अथवा भ्रष्टाचार के इस मामले में पूरी सरकार शामिल है, इसलिए वह किसी निष्पक्ष जांच से भाग रही है। बता दें कि सिन्हा ने तेजस्वी से सवाल किया कि क्या पुल बना रही एजेंसी की इतनी जमानत राशि सरकार के पास है कि वह उससे 1720 करोड़ के नुकसान की भरपाई करेगी। बता दे की पिछले साल भी पुल धराशाई हुआ था। उस समय संवेदक से कितनी राशि वसूल की गई? कार्रवाई करने की बजाय राज्य सरकार ने तो 5 और बड़े निर्माण कार्य देकर एजेंसी को पुरस्कृत किया। वही सिन्हा ने कहा कि यदि सचमुच में दोषियों पर कोई कार्रवाई करना चाहते हैं तो सबसे पहले तेजस्वी खुद इसकी जिम्मेवारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दें।

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