लक्ष्मी नारायण गुप्ता बने छपरा नगर निगम के नए मेयर, लालू और तेजप्रताप के दोनों उम्मीदवार हारे

छपरा। छपरा नगर निगम चुनाव में लक्ष्मी नारायण गुप्ता को अप्रत्याशित जीत मिली है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मिंटू सिंह को 5457 मतों से हराया है। उनके समर्थक खुशी मना रहे हैं। लक्ष्मी नारायण गुप्ता विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री रहे हैं। इसके अलावा लक्ष्मी नारायण गुप्ता की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है। उन्होंने पहली बार छपरा नगर निगम से मेयर पद के लिए चुनाव लड़ा है। पूर्व मेयर राखी गुप्ता को तीन बच्चों के मामले में पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद यहां दोबारा चुनाव हुए। मेयर पद के उपचुनाव के लिए 17 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। सोमवार को 45 वार्डों के 196 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान हुआ था। 22 जनवरी को मतदान के बाद हार-जीत को लेकर पूरे शहरी क्षेत्र में चर्चा थी। शहर के जिला स्कूल में 28 टेबलों पर सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हुई। पिछले अन्य चुनाव की तुलना में मेयर उप चुनाव में मतदान का प्रतिशत कम रहा। उप चुनाव में 38.62 प्रतिशत ही मतदान हुआ था।
लालू-तेजप्रताप ने किया था अलग-अलग कैंडिडेट का समर्थन
छपरा नगर निगम उप चुनाव में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे मंत्री तेजप्रताप यादव ने अलग-अलग कैंडिडेट का समर्थन किया था। मंत्री तेजप्रताप यादव ने बीती 7 जनवरी को मेयर प्रत्याशी के तौर पर रवि रोशन उर्फ गुड्डू के पक्ष में रोड शो किया। इसके कुछ दिन पहले ही लालू प्रसाद यादव ने खुले मंच से सुनीता देवी को राजद समर्थित मेयर प्रत्याशी घोषित किया था। मंच पर भाषण के दौरान सुनीता देवी के पक्ष में मतदान करने और गुड्डू राय का बहिष्कार करने को कहा था। लालू प्रसाद समर्थित कैंडिडेट सुनीता देवी को 10797 वोट मिले, जबकि तेज प्रताप समर्थित रवि रौशन को 3286 वोट मिले।
बच्चों की जानकारी छिपाने में गई थी मेयर राखी गुप्ता की कुर्सी
दिसंबर 2022 में राखी गुप्ता ने छपरा नगर निगम से मेयर का चुनाव जीता था। लेकिन राखी गुप्ता के दिए गए नामांकन के वक्त हलफनामा में गलत जानकारी दी गई थी। हलफनामे में राखी ने अपने दो जीवित संतान का जिक्र किया था। हालांकि रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात के अनुसार राखी गुप्ता के तीन जीवित संतान हैं, उसमें दो बेटी और एक बेटे का जिक्र है। बताया गया कि मेयर ने हलफनामे में दो बच्चियों का जिक्र किया था, लेकिन छपरा रजिस्ट्री ऑफिस से मिले कागजात के अनुसार राखी गुप्ता को तीन बच्चे हैं। उन्होंने एक बच्चे को अपने निःसंतान रिश्तेदार को लिखित रूप से भेंट कर दिया था। मामले में करीब पांच महीनों तक लगातार सुनवाई चली। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने जुलाई 2023 में राखी गुप्ता को पदमुक्त कर दिया।

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