नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई एक साल कारावास की सजा, जाना होगा जेल

पंजाब। पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रेसिडेंट और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल की सख्त सजा सुनाई है। 34 साल पुराने रोडरेज के केस में सिद्धू को कोर्ट ने सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह रोड रेज का मामला 1988 का है, जिसमें सिद्धू के हमले में एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 हजार रुपए का जुर्माना देकर छोड़ दिया था। रोड रेज में जिस शख्स की मौत हुई थी, उसके परिवार ने रिव्यू पिटीशन दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल सश्रम यानी कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। सिद्धू को अब या तो गिरफ्तार किया जाएगा या फिर वो सरेंडर करेंगे। अब पंजाब पुलिस सिद्धू को कस्टडी में लेगी। पंजाब पुलिस को इस मामले में कानून का पालन करना होगा। सिद्धू को सजा काटने के लिए पटियाला जेल भेजा जा सकता है। सिद्धू इस वक्त पटियाला में मौजूद हैं। सुबह उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ हाथी पर बैठकर प्रदर्शन किया था। सितंबर 2018 में उन्होंने सजा के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दायर की थी।
27 दिसंबर 1988 को हुआ था बुजुर्ग से झगड़ा
सिद्धू के खिलाफ रोडरेज का मामला साल 1988 का है। सिद्धू का पटियाला में पार्किंग को लेकर 65 साल के गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई। जिसमें सिद्धू ने कथित तौर पर गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया।
सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माना लगाकर छोड़ा, पीड़ित परिवार की यह मांग
हाईकोर्ट से मिली सजा के खिलाफ नवजोत सिद्धू सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई 2018 को सिद्धू को गैर इरादतन हत्या के आरोप में लगी धारा 304 IPC से बरी कर दिया। हालांकि, IPC की धारा 323, यानी चोट पहुंचाने के मामले में सिद्धू को दोषी ठहरा दिया गया। इसमें उन्हें जेल की सजा नहीं हुई। सिद्धू को सिर्फ एक हजार रुपया जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ अब मृतक के परिवार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। उनकी मांग है कि हाईकोर्ट की तरह सिद्धू को 304 IPC के तहत कैद की सजा होनी चाहिए।

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