पटना में राष्ट्रीय टाइपोडॉन्ट कार्यशाला : किसी भी क्षेत्र में नई तकनीक सीखना वास्तव में महत्वपूर्ण

पटना। इंडियन आर्थोडॉन्टिक सोसाइटी के द्वारा शुक्रवार को तीन दिवसीय राष्ट्रीय टाइपोडॉन्ट कार्यशाला का शुभारंभ राजधानी के बुद्धा इंस्टिट्यूट आफ डेंटल साइंस का आर्थोडॉन्टिक्स विभाग में आयोजित किया गया। आयोजन की अध्यक्षता कर रहे डॉ. अमेश केआर गोलवाड़ा ने मुख्य अतिथि डॉ. के. सदाशिव शेट्टी, डॉ. बीके सिंह, आईओएस के अध्यक्ष डॉ. श्रीकृष्ण चलसानी, उपाध्यक्ष डॉ. सरबजीत सिंह एवं सचिव डॉ. श्रीदेवी पद्मनाभना का स्वागत किया।
इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. उज्जल चटर्जी ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में नई तकनीक सीखना वास्तव में महत्वपूर्ण है। एलाइनर आॅर्थोडॉन्टिक्स का स्पष्ट भविष्य है। वहीं डॉ. चलसानी ने कहा कि छात्र किसी भी समाज की रीढ़ होते हैं और यह बहुत अच्छा है कि आईओएस उनके लिए सीखने की कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन कर रहा है।
श्रीदेवी पद्मनाभन ने बताया कि बुद्ध की भूमि पर उनकी यह पहली यात्रा है। इस आयोजन से छात्रों को बहुत कुछ मिलेगा, जिसका उपयोग वे अपने भविष्य के सीखने में कर सकते हैं। डॉ. सरबजीत ने कहा कि आशा करते हैं कि यह छात्रों के लिए एक अच्छा अनुभव होगा. कार्यशाला में देश भर के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रदर्शन में आमंत्रित वक्ताओं और आईओएस के सदस्यों को वायर बेंडिंग तकनीकों के लिए प्रशिक्षित किया गया। कार्यशाला में दंत चिकित्सा और आर्थोडॉन्टिक्स के उपकरणों को भी अच्छी तरह से व्यवस्थित किया गया था। इस मौके पर साइंटिफिक कन्वेनर डॉ. राशि चौहान और को-कन्वेनर डॉ. अंजलि कौल द्वारा सोसाइटी और कॉलेज प्रशासन के सभी गणमान्य व्यक्तियों और सदस्यों को सम्मान दी।

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