सनातन विरोधियों के साथ जाकर मुकेश सहनी ने केवट समाज को किया निराश : प्रभाकर मिश्र

  • भाजपा प्रदेश प्रवक्ता का हमला,कहा- ‘सन ऑफ मल्लाह’ नहीं घोर अवसरवादी हैं मुकेश सहनी

पटना। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पर तंज कसते हुए कहा कि यदि मुकेश सहनी सही मायने में ‘सन ऑफ मल्लाह’ होते , तो सनातन विरोधियों के कुनबे में कभी शामिल नहीं होते। प्रभु राम से निषादों का अलौकिक संबंध रहा है, निषाद राज ने अपनी नौका से प्रभु श्रीराम को नदी पार कराकर पुण्य प्राप्त किया था। प्रभु राम के प्रति निषादों का गहरा भक्ति भाव रहा है। लेकिन, मुकेश सहनी ने सनातन विरोधियों के साथ जाकर केवट समाज के लोगों को निराश किया है।प्रभाकर कुमार मिश्र ने शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि मुकेश सहनी को अब ‘सन ऑफ मल्लाह’ नहीं, बल्कि घोर अवसरवादी कहा जाना चाहिए। लेकिन, ये ऐसे अवसरवादी साबित होंगे, जो अवसर पाकर अपना ही घर फूंक डालेंगे। अवसरवादियों के सोहबत में जाकर मुकेश सहनी पहले ही बहुत कुछ गंवा चुके हैं, इस बार भी उनकी लुटिया डुबाने वाली है। मुकेश सहनी की पार्टी बीआईपी ने वर्ष 2019 की लोकसभा चुनाव में महागठबंधन से तीन सीट पर चुनाव लड़ी और सभी तीन सीट पर करारी हार मिली। जबकि वीआईपी ने वर्ष 2000 में एनडीए के साथ विधानसभा चुनाव लड़ी और चार सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, 2022 में उत्तर प्रदेश के 55 विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और सभी सीट पर हार का सामना करना पड़ा। यह दर्शाता है कि मुकेश सहनी की पार्टी बिना रीढ़ की हड्डी है। वीआईपी बुझा हुआ कारतूस है, ऐसे कारतूसों को इकट्ठा कर कोई चुनावी जंग नहीं जीत सकता। वीआईपी से महागठबंध को नहीं मिलने वाला है। इस बार भी महागठबंध में मुकेश सहनी की स्थिति बहुत ही खराब होगी और उनकी पार्टी शून्य पर आउट हो जायेगी। सनातन विरोधियों की सोहबत में जाने वाले मुकेश सहनी को केवट समाज कभी माफ नहीं करेगा। देश की जनता पीएम मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के डबल इंजन की सरकार के साथ है। देश की जनता ‘चार सौ पार’ का नारा का संकल्प ले चुकी है।

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