पटना में रिसेप्शन का भोज खाकर 500 से अधिक लोग बीमार, सड़ा पनीर और खराब रसगुल्ला से हुआ फूड प्वाइजनिंग
पटना। जिले के मोकामा प्रखंड के औंटा गांव में आयोजित एक शादी के रिसेप्शन भोज ने बड़ी संख्या में मेहमानों की सेहत पर गंभीर असर डाला। पिछले सप्ताह हुए इस बहू भोज में भोजन करने के बाद 500 से अधिक लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए थे। शुरुआत में घटना का कारण स्पष्ट नहीं था, लेकिन अब खाद्य विभाग की जांच रिपोर्ट में इसका कारण सामने आ गया है। रिपोर्ट में पनीर और रसगुल्ले को दूषित पाया गया है, जिनमें बैक्टीरिया और फंगस का स्तर खतरनाक सीमा तक पहुंचा हुआ था।
जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा
खाद्य विभाग द्वारा लिए गए सैंपलों की लैब जांच में पता चला कि पनीर और रसगुल्ला दोनों की गुणवत्ता पूरी तरह खराब थी। फूड इंस्पेक्टर अजय कुमार ने बताया कि परीक्षण में इन खाद्य पदार्थों में बैक्टीरिया और फंगस का स्तर अनुमन्य सीमा से कई गुना अधिक पाया गया। सामान्य तौर पर खाद्य पदार्थों में सूक्ष्म जीवों की संख्या डेढ़ से साढ़े तीन लाख तक स्वीकार्य मानी जाती है, लेकिन जब्त किए गए सैंपलों में यह संख्या 88 लाख से भी अधिक थी। यह आंकड़ा यह स्पष्ट करने के लिए काफी है कि भोजन में मौजूद जीवाणु कितनी मात्रा में थे और उन्होंने लोगों को कितनी तेजी से बीमारी की चपेट में ले लिया। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि हल्दी की गुणवत्ता भी खराब थी, हालांकि इससे इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बीमार पड़ने की संभावना कम है।
घटना कैसे हुई
औंटा गांव में बजरंग बली चौक के पास शादी समारोह के अगले दिन बहू भोज आयोजित किया गया था। भोज में 500 से अधिक लोग शामिल हुए थे और सभी ने वहीं पर परोसा गया खाना खाया। रात तक कोई समस्या नहीं हुई, लेकिन अगले दिन सुबह से अधिकांश लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। लोगों को पेट दर्द, उलटी, दस्त और तेज बुखार जैसी शिकायतें होने लगीं। कुछ ही घंटों में हालत इतनी गंभीर हो गई कि पूरे गांव में अफरातफरी का माहौल बन गया। कई लोग सीधे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और निजी क्लिनिकों की ओर भागे। मरांची पीएचसी, रेफरल अस्पताल और आसपास के निजी अस्पतालों में अचानक भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका
घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम औंटा गांव पहुंची। वहां टीम ने बीमार लोगों का उपचार शुरू किया और स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी। कई मरीजों को गंभीर लक्षणों के कारण रेफerral अस्पताल भेजा गया। खाद्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए भोज में उपयोग किए गए पनीर, रसगुल्ले, हल्दी, मसाले और अन्य सामग्रियों के नमूने जब्त किए और उन्हें जांच के लिए भेजा। जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो गया कि सड़ा हुआ पनीर और खराब रसगुल्ला ही फूड प्वाइजनिंग की मुख्य वजह थे।
दूषित खाद्य पदार्थों के पीछे की संभावित वजहें
विशेषज्ञों का मानना है कि भोजन तैयार करने या उसे सुरक्षित रखने के दौरान स्वच्छता के नियमों का पालन नहीं किया गया। भोज में बड़ी संख्या में मेहमानों को भोजन परोसा जाने वाला था, ऐसे में भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी। अक्सर देखा जाता है कि बड़ी मात्रा में पनीर और मिठाइयाँ एक दिन पहले ही खरीद ली जाती हैं और यदि उन्हें ठीक से संरक्षित न किया जाए, तो उनमें फंगस और बैक्टीरिया तेजी से बढ़ जाते हैं। यही कारण यहां भी माना जा रहा है।
गांव में अभी भी दहशत का माहौल
हालांकि अधिकांश लोगों का इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन घटना ने गांव में भय का वातावरण बना दिया है। भोजन बनाने वाले और भोज का आयोजन करने वाले लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। गांववालों का कहना है कि इस तरह की घटना उन्होंने पहले कभी नहीं देखी थी। एक ही दिन में इतने लोगों का बीमार पड़ जाना सभी के लिए चौंकाने वाला था। औंटा गांव की यह घटना इस बात की बड़ी चेतावनी है कि बड़े आयोजनों में भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाना अत्यंत आवश्यक है। थोड़ी सी लापरवाही भी सैकड़ों लोगों की जान पर बन सकती है। खाद्य विभाग की रिपोर्ट इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि खराब और दूषित खाने ने बड़ी संख्या में लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में डाल दिया।


