पटना में शिक्षकों की ट्रेनिंग में 50 से अधिक शिक्षक बीमार, खाना खाने के बाद बिगड़ी तबीयत

पटना। राजधानी पटना के बाढ़ अनुमंडल में चल रहे पांच दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। प्रशिक्षण ले रहे 50 से अधिक शिक्षक अचानक बीमार पड़ गए। बताया जा रहा है कि भोजन करने के कुछ ही समय बाद शिक्षकों की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई। कई लोगों को उल्टी, पेट दर्द, दस्त जैसी शिकायतें होने लगीं, जिससे कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल चिकित्सा व्यवस्था कराई गई और तीन शिक्षकों को बाढ़ के अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं, कई अन्य शिक्षकों को प्राथमिक उपचार दिया गया है। चिकित्सकों का कहना है कि यह फूड पॉइजनिंग का मामला प्रतीत हो रहा है, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। घटना के बाद अस्पताल में भर्ती शिक्षकों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। अस्पताल प्रशासन पूरी तत्परता के साथ इलाज में जुटा हुआ है। ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर ने बताया कि सभी लक्षण खाने की गड़बड़ी की ओर इशारा कर रहे हैं। संभावना है कि भोजन में किसी तरह की अशुद्धि या दूषित सामग्री का उपयोग हुआ हो। घटना की जानकारी मिलते ही कॉलेज प्रशासन भी हरकत में आ गया। कॉलेज की प्रिंसिपल निशा यादव ने कहा है कि मेस की जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सभी बीमार शिक्षकों के इलाज का समुचित प्रबंध किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल अन्य शिक्षक भी इस घटना के बाद घबराए हुए हैं। कई लोगों ने भोजन को लेकर पहले दिन से ही असंतोष जताया था, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। अब जब बड़ी संख्या में शिक्षक बीमार पड़ गए हैं, तब प्रशासन की लापरवाही उजागर हो गई है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। फूड इंस्पेक्टर की टीम को कॉलेज के मेस से सैंपल इकट्ठा करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि फूड पॉइजनिंग का असली कारण क्या था। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस तरह की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे शिक्षकों की सेहत के साथ-साथ प्रशिक्षण की प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव के लिए कड़े निर्देश जारी किए जाएंगे। गौरतलब है कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य स्तरीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में विभिन्न जिलों से आए शिक्षक शामिल हुए थे। परंतु इस अप्रत्याशित घटना ने कार्यक्रम को बीच में ही संकट में डाल दिया है। अब सभी की नजरें स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट और कॉलेज प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या मामला समय के साथ दबा दिया जाएगा।
