भयंकर गर्मी के बीच देश में केरल से मानसून की एंट्री, जल्द शुरू होगा बारिश का सिलसिला
नई दिल्ली। झुलसाने वाली गर्मी के बीच बारिश का इंतजार खत्म हो चुका है। गुरुवार को मॉनसून ने केरल के तट समेत पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी है। खास बात है कि भारत मौसम विज्ञान विभाग की भविष्यवाणी से एक दिन पहले ही मॉनसून केरल पहुंच चुका है। विभाग ने पहले 31 मई का पूर्वानुमान लगाया था। जबकि, केरल में मॉनसून के आने की सामान्य तारीख 1 जून है।
रेमल की वजह से जल्दी आया मॉनसून
मॉनसून की जल्दी एंट्री की एक वजह चक्रवात रेमल को भी माना जा रहा है। मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमल ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया है, जो पूर्वोत्तर में मानसून के जल्दी आने का एक कारण हो सकता है। आमतौर पर पूर्वोत्तर में मॉनसून 5 जून तक दस्तक देता है।
उत्तर भारत में कब पहुंचेगी राहत
मौसम के जानकार अनुमान लगा रहे हैं कि जून के अंत तक मॉनसून दिल्ली में दस्तक दे सकता है। आमतौर पर राजधानी में मॉनसून 27 जून के आसपास पहुंचता है। इधर, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों और गुजरात के कुछ हिस्सों में मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तारीख 10 जून है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि बिहार में अपने समय से ही मॉनसून पहुंचेगा। आईएमडी महानिदेशक एम मोहापात्र ने कहा था, ‘भीषण चक्रवात के कारण मॉनसून की बंगाल की खाड़ी की शाखा काफी सक्रिय है। इसने क्षेत्र पर मॉनसून के बहाव को खींच लिया है। बीते दो दिनों से पूर्वोत्तर के राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है। साथ ही बीते दो दिनों से केरल में भी मॉनसून के आने के संकेत मजबूत हो रहे हैं।’ केरल में मानसून के आगमन की घोषणा तब करता है, जब 10 मई के बाद किसी भी समय केरल के 14 केंद्रों और पड़ोसी क्षेत्रों में लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी या उससे अधिक वर्षा होती है, आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन कम होता है और हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिमी की ओर होती है।