पटना में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा : जक्कनपुर में कपड़ा कारोबार की आड़ में चल रहा था धंदा; 4 गिरफ्तार, 22 पिस्टल जब्त

पटना। राजधानी पटना के जक्कनपुर थाने के न्यू बाइपास स्थित न्यू विग्रहपुर में पुलिस ने मिनी गन फैक्ट्री का भांडाफोड़ किया है। जानकारी के अनुसार, एसटीएफ और जक्कनपुर पुलिस ने सुरेश यादव के घर के निचले तल्ले पर गैराज में छापेमारी कर 2 हथियार तस्करों और मकान मालिक के बेटे समेत चार को गिरफ्तार किया। वहां से 7.65 एमएम की 22 अर्द्धनिर्मित पिस्टल, तीन बेस, एक बड़ी ड्रिल मशीन, 7.65 के 5 कारतूस, एक वेल्डिंग मशीन, मैग्जीन बनाने के फ्रेम के साथ ही हथियार बनाने के लिए रेती, हेक्सा, कटर समेत कई चीजें बरामद की गईं। गिरफ्तार होने वालों में मुंगेर के कासिम बाजार थाने के मक्ससपुर का विक्रम शर्मा, विग्रहपुर का बजरंगी कुमार शर्मा, सुरेश का बेटा डेविड और बजरंगी का बेटा आदित्य शर्मा भी है। वही बताया जा रहा हैं की सुरेश इस मकान में नहीं रहता है। जक्कनपुर थानेदार के बयान पर इन सभीं पर केस दर्ज किया गया है। थानेदार सुदामा सिंह ने चार लोगों के गिरफ्तार होने की पुष्टि करते हुए बताया कि हथियार बनाने और तस्करी से जुड़े करीब आधा दर्जन लोगों की तलाश है। इसके साथ-साथ गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की जा रही है। इनके मोबाइल की सीडीआर की जांच की जा रही है।
12 हजार किराये पर था मकान, मुंगेर से कारीगर बुलाकर होता था काम
बताया जा रहा हैं की विक्रम शर्मा हथियार बनाने में एक्सपर्ट है। वह मुंगेर के बंदूक कारखाने में काम कर चुका है। विग्रहपुर के बजरंगी ने सुरेश यादव से करीब छह माह पहले 12 हजार प्रति माह के किराया पर निचले तल्ले पर स्थित गैराज यह कहकर लिया था कपड़ा का कारोबार करना है। कुछ दिन में वहां कुछ नहीं हुआ। उसके बाद बजरंगी ने पहले से परिचित विक्रम को मुंगेर को यहां बुला लिया। उसके बाद उससे 7.65 एमएम समेत अन्य प्रकार का हथियार बनाने लगा। मकान मालिक के बेटे का बेटा भी इसी मकान में रहता है। वह इस अवैध धंधे को जानता था। यही नहीं बजरंगी का बेटा आदित्य भी हथियार बनाता था।
रात के सन्नाटे में बनाए जाते थे हथियार, पटनासिटी से आता था कच्चा माल
जानकारी के अनुसार, हथियार बनाने का काम रात में होता था। यही नहीं हथियार बनाने के दौरान तस्कर व मिस्त्री साउंड बजाते थे ताकि लोहा काटने या अन्य सामान काटने में आवाज दब जाए। सुबह चार से पांच बजे तक काम होता था। उसके बाद सभी सो जाते और देर से जगते थे। सभी अनजान बनकर रहते थे। स्थानीय लोगों से दूरी बना रखी थी। कोई स्थानीय आता-जाता नहीं था। पुलिस ने जब छापेमारी की तो स्थानीय लोग भी दंग रह गए। पूछताछ में गिरफ्तार लोगों ने बताया कि पटना सिटी से कच्चा माल आता था। उसके बाद हथियार बनता था। रोजना चार से पांच पिस्टल व अन्य हथियार बन जाता था। यहां से हथियार सप्लाई करने वाले की एक अलग से चेन थी जो ट्रेन से यूपी, दिल्ली से लेकर बिहार के अन्य जिलों व झारखंड तक हथियार की सप्लाई करता था। यहाँ से करीब 10-15 हजार में एक हथियार बेचा जाता था। ट्रेन से हथियार लेकर पहुंचाने वालों को हरेक हथियार पर एक से दो हजार दिया जाता था।

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