इतिहास के पन्नो में सिमटती जा रही झंडा सत्याग्रह के अग्रणी हरदेव सिंह की स्मृतियां

पालीगंज, पटना। प्रखण्ड क्षेत्र के तोरणी गांव निवासी सह सन 1923 में हुए नागपुर झंडा सत्याग्रह के अग्रणी नेता वीर हरदेव सिंह की स्मृतियां इतिहास के पन्नो में मात्र सिमटती जा रही है। जानकारी के अनुसार पालीगंज थाना क्षेत्र के तोरणी गांव निवासी बीर हरदेव सिंह एक सच्चे देशभक्त थे। जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपनी प्रमुख भूमिका निभाकर इस क्षेत्र का नाम रौशन किया था। स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान नागपुर में सन 1923 के दौरान झंडा सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत हुई थी। जिसमे हरदेव सिंह ने अग्रणी भूमिका निभाते हुए अंग्रेजी हुकूमत के द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए थे। लेकिन फिर भी अपनी हौसला को कायम रखते हुए जेल से भी स्वतंत्रता की लड़ाई में भूमिका निभाते हुए अन्न जल का त्याग कर प्राणों की आहुति दे दी थी। जिनकी शवयात्रा में उसी जेल में कैद सरदार बल्लभ भाई पटेल व दीनबंधु चितरंजन दास ने भी जेल गेट तक आकर श्रद्धासुमन अर्पित किया था। इतना ही नही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल सहित कई बड़े नेता इनके शवयात्रा में शामिल हुए थे। उन महान देशभक्त की स्मृतियां इतिहास के पन्नो में सिमटती जा रही है।

वही वीर हरदेव सिंह के बंशज कमलेश सिंह के अनुसार उनकी स्मृतियां आज भी नागपुर संग्रहालय में सुरक्षित है। वही तोरणी गांव के ग्रामीणों का कहना है कि गांव स्थित इनकी प्रतिमा व प्रतिमास्थल जीर्ण शीर्ण अवस्था मे है। साथ ही इनकी स्मृति में स्थापित पालीगंज शहीद आश्रम भी उपेक्षित है। जिसे देखते हुए ग्रामीणों ने बीर हरदेव सिंह के जन्मस्थल पालीगंज प्रखण्ड स्थित तोरणी गांव में प्रतिमा व प्रतिमास्थल का सौंदर्यीकरण कराने की मांग किया है। साथ ही शहीद आश्रम को भी नवीकरण कराने की मांग किया है।

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