जदयू के 12-13 विधायकों को तोड़कर तेजस्वी को सीएम बनाने में लगे थे ललन सिंह, तभी लिया गया इस्तीफा : सुशील मोदी

पटना। ललन सिंह को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के हटाए जाने के बाद से बिहार में बयानबाजी का दौर जारी है। अब बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा, हमने पहले भविष्यवाणी कर दी थी कि ललन सिंह को हटाए जाएंगे क्योंकि उन्होंने जेडीयू पार्टी से 12-13 विधायकों को तोड़ लिया था। उन्होंने लालू यादव से हाथ मिलाकर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी कर ली थी। नीतीश कुमार को इसकी भनक लग गई। इसलिए उन्होंने समय रहते ललन सिंह को हटा दिया। ललन सिंह को हटाना खेल की शुरुआत है। अभी बहुत कुछ बाकी है। नीतीश कुमार को गलतफहमी है कि इंडिया गठबंधन उन्हें संयोजक या पीएम पद के लिए पार्टी का चेहरा बनाएगा। नीतीश कुमार के लिए हमारे दरवाजे बंद हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने बिहार में 40 की 40 सीटें जीतने का दावा भी किया। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के इस्तीफे पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी पीछे की कहानी बताई थी। गया में उन्होंने कहा था कि दो महीने पहले कि बात है कि ललन सिंह और बिजेन्द्र बाबू (ऊर्जा मंत्री) तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। दोनों ये प्रस्ताव लेकर गए थे, लेकिन नीतीश कुमार ने इस पर काफी नाराजगी जाहिर की थी। नीतीश कुमार के साथ जो मेरी अंतिम बात हुई थी हटने को लेकर, तब हम ये कहकर हटे थे कि नीतीश जी आप कहते हैं कि जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाना भारी गलती हुई, लेकिन तेजस्वी प्रसाद यादव को अगर मुख्यमंत्री बनाते हैं तो भारी गलती होगी। ऐसा मत कीजिएगा। नीतीश कुमार के दिमाग में ये बात बनी रही कि तेजस्वी को मुख्यमंत्री नहीं बनाना है। इस बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को हटाना जरूरी था। हम समझते हैं कि 12-13 विधायक ऐसे थे, जो ललन सिंह और खास कर राजद के लिए कुछ भी करने को तैयार थे। राजद के ही विधानसभा अध्यक्ष हैं। इसलिए कुछ होने की आशंका नीतीश कुमार को थी। सोचा गया कि कैसे ललन सिंह को हटाया जाए। इसके लिए दिल्ली में कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई। अगर 13 लोग जेडीयू की तरफ से चले जाते हैं तो विजय चौधरी, अशोक चौधरी, संजय झा आदि मिलकर कहीं उसका फिल इन द ब्लैंक एनडीए की तरफ करवा सकते हैं। किसी भी तरह नीतीश कुमार की कोशिश होगी कि तेजस्वी को सीएम नहीं बनाया जाए। हालांकि जीतन राम मांझी के इस बात पर अब तक जदयू और आरजेडी की तरफ से कुछ नहीं कहा गया है।

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