देश में 15 जनवरी को उदयातिथि में मनेगा मकर संक्रांति का त्यौहार, 26 जनवरी को होगी सरस्वती पूजा

पटना। हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व होता है। इसे उत्तर भारत समेत कई राज्यों में काफी धूम धाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग खिचड़ी का प्रसाद बनाते हैं। वहीं पवित्र ​नदियों में स्नान करने के साथ ही दान की परंपरा है। हर साल इस त्योहार को 14 जनवरी के दिन मनाया जाता है, लेकिन ग्रहों के बदलाव या उदयातिथि के अनुसार अक्सर 14 और 15 जनवरी को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन रहती है। आइए जानते हैं इस साल मकर संक्रांति का त्योहार कब मनाया जाएगा 14 या 15 जनवरी। हिंदू पंचांग के अनुसार 14 जनवरी 2023 को रात 8 बजकर 14 मिनट पर सूर्य मकर राशि में गोचर करेंगे और इस गोचर के बाद ही मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। उदयातिथि के अनुसार अगले साल मकर संक्रांति यानि खिचड़ी का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। क्योंकि इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।
मकर संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है और स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर शाम के 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल मुहूर्त सुबह 7 बजकर 15 से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त दान-पुण्य करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
26 जनवरी को होगी मां सरस्वती की पूजा
बसंत पंचमी का पर्व माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। बसंत पंचमी के पर्व पर मां सरस्वती का प्राकट्य हुआ है। इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस साल बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा। माघ मास की पंचमी तिथि यानी बसंत पंचमी का आरंभ 25 जनवरी को 12 बजकर 35 मिनट से हो रहा है जोकि 26 जनवरी को 10 बजकर 29 मिनट तक रहेगी। बसंत पंचमी को श्री पंचमी, मधुमास और ज्ञान पंचमी के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन से बसंत ऋतु का आरंभ होता है। ऐसा माना जाता है कि इसके बाद सर्दियां समाप्त हो जाती है। इस दिन ज्ञान, संगीत की देवी की पूजा करने से व्यक्ति की बुद्धि तीव्र होती है।

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