महाभारत 2020-भाजपा से अधिक सीटों पर लड़ेगी जदयू,ताकि बरकरार रहे सीएम पद पर नीतीश कुमार की दावेदारी

पटना।आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजग में सीटों के समझौते का मामला अभी तक सुलझा नहीं है।राजग में शामिल लोजपा के द्वारा 42 सीटों पर दावेदारी नए मामले को और उलझा दिया है।दरअसल बिहार में सत्ताधारी गठबंधन भाजपा-जदयू तथा लोजपा में सीटों के तालमेल को लेकर अंदरूनी नोकझोंक जारी है।अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक जदयू हर बार की तरह इस बार भी भाजपा से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है। वह भी कम से कम 25 सीटें अधिक चाहता है।2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा तथा जदयू एक साथ चुनावी समर में उतरे थे।जिसमें कि जदयू 141 तथा भाजपा ने 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उसी तर्ज पर बिहार में जदयू अभी भी भाजपा से कम से कम 25 सीट अधिक लेना चाहती है।दरअसल बिहार में जदयू बड़े भाई की भूमिका में है तथा 2000 से अभी तक भाजपा छोटे भाई की भूमिका में।इसीलिए प्रदेश की राजनीति में अपने बड़े भाई वाली भूमिका को बरकरार रखने के लिए जदयू भाजपा से 25 सीट अधिक लड़ना चाहती है।इधर भाजपा के एक अन्य सहयोगी दलों लोजपा के द्वारा 42 सीटों पर दावे ने राज्य के अंदर सीटों से तालमेल संबंधित समीकरण को और उलझा दिया है।हालांकि भाजपा समझती है कि लोजपा को वह कितनी भी सीटों पर जरूर मना लेगी।भाजपा का पेंच दरअसल जदयू के साथ उलझता जा रहा है।जदयू प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा से अधिक सीटें चाहती हैं।लोजपा को भी कम से कम 25 सीट देना है।ऐसे में अगर सीटों का बंटवारा हुआ तो भाजपा के झोली में 100 से कम सीटें आएंगी।जो भाजपा को भी कतई मंजूर नहीं है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मामले को सुलझाने के लिए जदयू तथा भाजपा के ‘थिंक टैंक्स’ के द्वारा मगजमारी जारी है।विधानसभा चुनाव के उपरांत मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार के बरकरार रहने के लिए जदयू की सीटें भाजपा से अधिक होनी आवश्यक है।वहीं जदयू के लिए यह भी विचारणीय तथ्य है कि गठबंधन में शामिल लोजपा पूरी तरह से भाजपा के साथ है ना कि जदयू के।ऐसे में जदयू चाहती है कि भाजपा तथा लोजपा को मिलने वाले सीटों के आंकड़ों से कहीं ज्यादा जदयू के आंकड़े हो।ताकि पक्ष में मिले चुनाव परिणाम के बाद किसी प्रकार की किच-किच की कोई गुंजाइश ना रहे।

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