दिल्ली में आज होगी एलजेपी (आर) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, भविष्य की रणनीति तैयार करेंगे चिराग पासवान

पटना। आज नई दिल्ली में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में देशभर के पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान करेंगे। इस दौरान प्रदेश और देश की राजनीति को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर सिलसिलेवार तरीके से चर्चा होगी। साथ ही 5 राज्यों में होने वाले चुनावों पर भी मंथन होगा। एलजेपीआर की बिहार इकाई के प्रवक्ता डॉ विनीत सिंह ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बारे में बताते हुए कहा कि इस बैठक में विभिन्न प्रदेशों के पदाधिकारी शामिल होंगे और प्रदेश और राष्ट्र की राजनीति को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर सिलसिलेवार तरीके से चर्चा होगी। बिहार समेत जहां भी उपचुनाव हो रहे हैं, उन पर भी चर्चा होने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा कि एक दिवसीय कार्यक्रम के समापन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का दृष्टिकोण बहुत मुद्दों पर साफ हो जाएगा।

वही भविष्य की राजनीति को लेकर चिराग पासवान आज किसी नए फैसलों की तरफ आगे बढ़ सकते हैं। हालांकि गठबंधन को लेकर चिराग बड़ा ऐलान करेंगे, इसकी उम्मीद कम है लेकिन दिल्ली में बुलाई गई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के फ्यूचर पॉलिटिकल कार्ड को लेकर चिराग आज काफी कुछ संकेत दे सकते हैं। नीतीश कुमार के कारण एनडीए से बाहर जाने वाले चिराग पासवान दोबारा भारतीय जनता पार्टी के करीब आते दिख रहे हैं, हालांकि चाचा पशुपति कुमार पारस के एनडीए में रहते उनकी वापसी हो पाएगी यह संभव नहीं दिखता। लेकिन इसके बावजूद चिराग पासवान ने बिहार में हो रहे दो विधानसभा उपचुनाव वाली सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं दिया है। राजनीतिक जानकार चिराग के इस फैसले को भविष्य की राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं। चिराग इसके पहले उपचुनाव में उम्मीदवार देते रहे हैं लेकिन इसका नुकसान कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ा है। अब चिराग पासवान ने एक कदम पीछे लिया है, जाहिर है वह भविष्य के राजनीतिक विकल्प खुले रखना चाहते हैं। चिराग पासवान फिलहाल किसी गठबंधन में जाने का ऐलान करेंगे इसकी उम्मीद नहीं लेकिन नीतीश कुमार के विरोध में बिहार के अंदर समीकरण बनाने की दिशा में चिराग आगे जरूर बढ़ सकते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस बात पर मुहर लग सकती है कि नीतीश सरकार की विदाई के लिए बिहार में रणनीतिक तौर पर काम किया जाए और इसी राजनीतिक दिशा को तय करते हुए आगे बढ़ा जाए।

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