पटना में एकबार फिर प्रदर्शन कर रहे बीटीएससी अभ्यर्थियों पर चली पुलिस की लाठियां, कई कैंडिडेट्स घायल

पटना। राजधानी पटना में पुलिस ने गुरुवार को बीटीएससी कैंडिडेट्स पर लाठीचार्ज किया। इन कैंडिडेट्स का रिजल्ट 4 साल से पेंडिंग है। इसे जारी करने की मांग को लेकर गुरुवार सुबह से कैंडिडेट्स सड़कों पर उतरे थे। ये कैंडिडेट्स बीजेपी ऑफिस का घेराव करने जा रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें रोका। इसके बाद कुछ लोगों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। पुलिस ने लाठीचार्ज कर सभी को वहां से हटाया। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है। पुलिस ने लाठीचार्ज के बाद धक्का-मुक्की करने वाले कई कैंडिडेट्स को हिरासत में लिया है। बीटीएससी कैंडिडेट्स को पुलिस बीजेपी कार्यालय से पटना जंक्शन की तरफ लेकर जा रही। -पुलिस के लाठीचार्ज में कई कैंडिडेट्स को चोटें आई हैं। बताया जा रहा हैं की कैंडिडेट्स सभी राजद-जदयू और भाजपा ऑफिस का घेराव करने निकले थे। ये कैंडिडेट्स पहले बीजेपी ऑफिस जा रहे थे। इस प्रदर्शन को लेकर सभी पार्टियों के ऑफिस के बाहर पहले से सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। कैंडिडेट्स पहले बीजेपी ऑफिस का घेराव करने निकले थे। बिहार तकनीकी सेवा आयोग के जूनियर इंजीनियर पद की परीक्षा देने के बाद भी कैंडिडेट्स लंबे समय से रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। गुरुवार को उनका सब्र टूट गया और अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर गए। वही सातवें चरण के शिक्षक नियोजन की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर दूसरी बार पटना में लाठी चली है। अजीब बात यह कि जो तेजस्वी यादव शिक्षक नियोजन की मांग करने वाले युवाओं का साथ देने नेता प्रतिपक्ष के रूप में धरना- प्रदर्शन में शामिल होते थे, लेकिन उनके उपमुख्यमंत्री बनने के बाद युवा प्रदर्शन करने पर लाठी खा रहे हैं। तेजस्वी बात करने भी नहीं आ रहे। यह सत्ता का रंग है। पटना हाईकोर्ट ने बीते साल 22 अप्रैल 2022 को विज्ञापन संख्या 01/2019 के अंतर्गत निकाली गई सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। वजह कि आयोग ने सरकारी पॉलीटेक्निक संस्थान से सिविल डिप्लोमाधारियों को 40 फीसदी आरक्षण का लाभ देते हुए रिजल्ट निकाला था। वही पिछली बार चीफ जस्टिस संजय करोल तथा जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने विनीत कुमार व अन्य की ओर से दायर रिट याचिकाओं को मंजूर करते हुए फैसला सुनाया था।

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