बिहार के इन जिलों में नए साल में होगा भूमि सर्वेक्षण, मंत्री रामसूरत राय बोले-इस महत्वपूर्ण कार्य में सुनिश्चित करें अपनी भागीदारी

पटना । प्रदेश के 18 बड़े जिलों में नए साल में भूमि का सर्वे होगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत राय ने गुरुवार को अपने कार्यालय कक्ष में भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन का पत्रिका के रूप में लोकार्पण किया।

इस मौके पर मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष राज्य के बड़े जिलों में भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू किया जाएगा। प्रदेश में वर्तमान में मुंगेर, पश्चिमी चंपारण, नालंदा, शेखपुरा, मधेपुरा, सुपौल, बेगूसराय, सहरसा, जमुई, कटिहार, लखीसराय, बांका, पूर्णिया, खगड़िया, शिवहर, अररिया, सीतामढ़ी, अरवल, जहानाबाद व किशनगंज सहित 20 जिलों में भूमि सर्वे का कार्य चल रहा है।

शेष जिलों में अगले साल सर्वेक्षण शुरू करने की कवायद चल रही है। मंत्री ने कहा कि अगले साल नए जिलों में भूमि सर्वेक्षण को लेकर कैंप कार्यालयों की स्थापना, कर्मियों के प्रशिक्षण इत्यादि के कार्य पहले पूरे होंगे।

उन्होंने कहा कि अक्टूबर तक सूबे के तीन जिलों शेखपुरा, सुपौल और बेगूसराय के 40 गांवों में सर्वे का काम पूरा होगा और वहां के रैयतों को उनके प्लॉट का नया नक्शा और खतियान मिल जाएगा। इसके अलावा अक्टूबर से लगातार इस मामले में प्रगति दिखेगी।

मंत्री ने रैयतों खासकर अपने गांव से बाहर रहने वाले लोगों से अपील की कि वो इस काम में भागीदारी सुनिश्चित करें। एक बार घर आकर जमीन को देख लें, ताकि बाद में परेशानी न हो। एक बार भूमि सर्वे का काम पूरा होने पर व खतियान बनने पर उसमें सुधार मुश्किल होगा।

इस अवसर पर विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि कर्मियों की कमी से विभाग जूझ रहा है, लेकिन अगले कुछ महीनों में 4 हजार से अधिक कर्मचारी, 17 सौ 64 नियमित अमीन और 564 राजस्व अधिकारी मिलनेवाले हैं। इससे स्थिति में सुधार होगा।

सर्वे निदेशक जय सिंह ने कहा कि 2000 के करीब विषेश सर्वेक्षण कर्मी यथा:-अमीन/कानूनगो/लिपिक व सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी की जल्द ही नियुक्ति होगी। इनका चयन पुराने पैनल के आधार पर ही होगा। इनके आने से सर्वे के काम में और रफ्तार आ जाएगी।

इस मौके पर भूमि सर्वेक्षण के निदेशक जय सिंह, निदेशक भू अर्जन सुशील कुमार, संयुक्त सचिव कंचन कपूर समेत विभाग के सभी वरीय पदाधिकारी मौजूद थे। इसमें पिछले एक साल में भू अभिलेख और परिमाप निदेशालय के कार्यों का ब्योरा पेश किया गया है।

 

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