किसी बड़े ‘राज’ को ‘दफन’ रखने के लिए की गई रूपेश सिंह की हत्या! डीजीपी की थ्योरी….

पटना बहुचर्चित हाई प्रोफाइल रूपेश सिंह हत्याकांड मामले में बिहार के डीजीपी एसके सिंघल ने एयरपोर्ट के पार्किंग ठेके के विवाद होने की बात कही है।हालांकि अभी तक पुलिस का दावा बगैर किसी पुख्ता प्रमाण के शक के दायरे तक ही सीमित है।डीजीपी के द्वारा इंडिगो एयरलाइंस के स्टेट हेड रूपेश कुमार सिंह के हत्या के पीछे एयरपोर्ट के पार्किंग ठेके के विवाद को बताया जाना दरअसल ‘हजम’ होने लायक ‘थ्योरी’ नहीं दिख रही है।जिस प्रकार से पेशेवर शूटरों ने रूपेश कुमार सिंह की हत्या की थी।उससे तो यही लगता है कि हत्या करने का आदेश देने वाले शख्सियत की रुपेश से बड़ी दुश्मनी रही होगी।पेशेवर शूटरों ने जिस तरह से रूपेश को मारने में पिस्टल की पूरी मैगजीन खाली कर दी।उससे भी यह अंदाजा लगता है कि मारने वालों के लिए रूपेश को हर हाल में मारना नितांत आवश्यक हो गया था।मर्डर मिस्ट्री की बारीकी से विश्लेषण के बाद ऐसा प्रतीत होता है की इस हत्या की घटना को किसी ‘राज’ को दफन करने के लिए अंजाम दिया गया हो।पटना में आज पूर्व सांसद पप्पू यादव ने इस मामले में खुलासा करते हुए कहा कि सिंचाई विभाग के दरभंगा में नहर के लिए 2018-19 के दौरान हुए टेंडर के जांच करने से स्पष्ट हो जाएगा कि रूपेश कुमार सिंह की हत्या के पीछे वास्तविक कारण क्या थे।उन्होंने कहा कि यह भी जांच का विषय है कि 2000 करोड़ के टेंडर के एवज में बिहार सरकार के किस मंत्री ने रूपेश सिंह से पैसा लिया।पूर्व सांसद पप्पू यादव के बयान से भी यही लगता है कि किसी बड़े नेक्सस ने अपने गुनाहों के ‘राज’ पर पर्दा कायम रखने के लिए इस तरह के बड़ी हत्याकांड को अंजाम दिया।डीजीपी के द्वारा इस मामले में हत्याकांड के पीछे एयरपोर्ट पार्किंग ठेका का विवाद बताए जाने के बाद प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में ट्वीट करते हुए लिखा है कि,’बिहार पुलिस बकरा खोज रही है।राज्य के गृह मंत्री ने सत्ता शीर्ष पर बैठे लोगों को बचाने के बहाने खोजने की निविदाएं आमंत्रित की है।’ ट्वीट के जरिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार पुलिस अपराधियों तक पहुंचने में सक्षम नहीं है।इसलिए पुलिस अब बकरा ढूंढ रही है।ताकि इस हत्याकांड का इल्जाम उस पर डाल कर आराम से बच निकले। ऐसे में बिहार पुलिस के डीजीपी एसके सिंघल के बयान को बगैर किसी ठोस प्रमाणिक थ्योरी के पेश किया जाना।आगे चलकर बिहार पुलिस के लिए परेशानी का सबब ही बनेगी।बिहार पुलिस ने अपने दावे में प्रामाणिकता के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी।हालांकि पुलिस का कहना है कि जांच अभी जारी है।संभवत: जांच कर रही टीम के द्वारा आने वाले दिनों में मामले से जुड़े बड़े खुलासे किए जा सकते हैं।

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