PATNA : खानकाह मुजिबिया फुलवारी में 300 साल से सुरिक्षत, उमड़ी अकीदतमंदों की भीड़, इन खानकाहों में है मू-ए मुबारक

फुलवारी शरीफ (अजीत)। राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ के प्रसिद्ध खानकाह ए मुजिबिया में इस्लामिक कैलेंडर के हर माह की ग्यारहवीं तारीख और रब्बीउव्वल माह की बारहवीं तारिख को मू-ए मुबारक की जियारत होती है। जानकारों की माने तो इस्लाम धर्म के प्रवतर्क और अंतिम पैगम्बर हजरत मोहम्मद स.अ.व. के मू-मुबारक (पवित्र बाल) सात सौ साल पहले भारत आया जबकि खानकाह मुजिबिया फुलवारी शरीफ में तीन सौ साल से सुरिक्षत है।
खानकाह मुजीबीया के प्रबंधक हजरत सैयद शाह मिन्हाजुद्दीन कादरी के अनुसार, मू ए मुबारक हजरत सैयद कुतुब जमाल बांसवी चिस्ती के पास थी। उनसे हजरत सूफी जियाउददीन चंढ़स्वीं के पास पहंची। फिर उनसे उनके खलीफा हजरत मख्दुम तमीमउल्लाह सफेदबाज चिश्ती जेढ़वली बिहारी तक पहुंची। इसके बाद उनसे उनके खालीफा हजरत मखदुम समन चिश्ती अरवली तक आयी। फिर इसी तरह पीढ़ी दर पीढ़ी होते हुए खानकाह मुजिबिया के संस्थापक ताजुलआरफीन पीर मुजीबउल्लाह कादरी के पास मू-ए मुबारक आई और तब से लेकर खानकाह मुजिबिया में मू-ए मुबारक की जियारत होती आ रही है।
इन खानकाहों में है मू-ए मुबारक
हजरत बल (कश्मीर), शीश महल (फुलवारीफ), खानकाह मोहम्मदिया कादरिया (अमझरशरीफ), खानकाह एमदिया मंगल तालाब (पटना सिटी), खानकाह रामसागर (गया), खानकाह सिमला (रफीगंज)।

शीश महल में जियारत के लिए उमड़ी अकीदतमंदों की भीड़
सोमवार को शीश महल परिसर में मू-ए मुबारक (पवित्र बाल) की जियारत के लिए अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस मौके पर इस्लामिक उर्स कमेटी के अध्यक्ष जावेद महमूद, उपाध्यक्ष सैयद मुजीबुर रहमान एवं सैयद कमाल अहमद ने अकीदतमंदों को जियारत कराई। सुबह के वक्त में यहां महिलाओं ने भी जियारत की, इसके बाद दोपहर में पुरुषों की जियारत हुई। जियारत बाद मौलानाओं ने मोहम्मद साहब की शान में मनकब्त पढ़ी। वहीं अकीदतमंदों के बीच मोहम्मद साहब की जीवनी पर प्रकाश डाला गया।

आज छोटी खानकाह में निकलेगा 51 गागरा
मंगलवार को छोटी खानकाह (खानकाह फरिदिया) में 51 गागरा निकलेगा। सभी गागरे को बारी-बारी से अकिदतमंद सिर पर लेकर घुमते हैं। उस समय शज्जादा नशीं दरूद पढ़ते रहते हैं। बताया जाता है कि इस गागरे में चीनी का शरबत रहता है और गागर घुमने के बाद शरबत का फातिहा होता है और लोगों में बांटे जाते हैं। यह पूरा कार्यक्रम छोटी खानकाह फरिदिया के सज्जादा नशीं सैयद शाह महफुज अली की देखरेख में होती है।

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