ठाकुर जी के बाद अब समाजवादी नेता काशीराम को भी मिले भारत रत्न : तेजस्वी यादव

  • उपमुख्यमंत्री ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का किया स्वागत, बोले- हमलोग लगातार इसकी मांग कर रहे थे

पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और बाद में नेता विरोधी दल रहे कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद राजद के नेता और सूबे के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हमलोगों की बहुत पुरानी मांग रही है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा के प्रांगण में आए थे तभी हम लोग ने यह मांग की थी। आज बहुत खुशी की बात है कि कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न देने का निर्णय लिया गया है। कर्पूरी ठाकुर दलित, शोषित वंचित समाज के सबसे बड़े हितैषी रहे। खुशी की बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री और दलित समाज के सबसे बड़े नेता कपूरी ठाकुर जी को भारत रत्न मिला है। तेजस्वी यादव ने सुबह-सुबह एक वीडियो जारी कर कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि, आज हमारे जीवन की सबसे बड़ी साध पूरी हुई है। शोषित वंचित उत्पीड़ित वर्ग के सबसे बड़े पैरोकार बिहार के महान समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिलाने की मांग दशकों पुरानी है। लगातार हमारा दल हमारे पिता राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी एवं अन्य कई वरिष्ठ नेता और मैं स्वयं की मांग करता रहा हूं, और जिस हिसाब से महागठबंधन की सरकार ने जाति आधारित गणना कराकर उसी अनुपात में आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत बढ़ाया है, दिया है इसी के दबाव में आज इस मांग को पूरा करना पड़ रहा है। लेकिन इसका असर राजनीतिक में कहीं ना कहीं यह जरूर देखा जाएगा कि जो हम लोगों ने जाति आधारित गणना करवाई थी और उससे जो आक्र निकाल कर सामने आया उसके बाद ही भारत सरकार को इस पर ध्यान आया और भारत रत्न देने का निर्णय लिया गया। वहीं चुनाव से पहले इस ऐलान को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले दिया जाए या बाद में दिया जाए यह मायने रखता मान्य रखता कि उनको दिया जाए। सिर्फ लालू यादव, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ही इसकी मांग करते थे बल्कि हर एक समाजवादी नेता की यह मांग करते थे। तो काशी राम जी को ही बोलते हैं कि भारत रत्न मिलना चाहिए। अच्छा होता उनका भी साथ में मिल जाता। उधर, के के पाठक का डीएम के बीच उठे विवाद को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि वह सब चीज आप लोगों की नजर में रहता है हम लोगों के नजर में कहीं कोई भी बात नहीं है। आंख का इलाज हो सकता है नजरिया का इलाज नहीं हो सकता।

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