जदयू के भीम संसद का लोकसभा चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला : विजय सिन्हा

पटना। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपनी पार्टी की तस्वीर को क्लीन और साफ दिखने के लिए नए-नए तरकीब निकाल रही है। बता दे की जदयू 5 नवंबर को भीम संसद के आयोजन कर रही है। इसके सहारे जदयू दलित और महादलित वोट बैंक को मजबूत करने की जुगत में है। वही लोकसभा चुनाव के पहले इस कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक मायने भी निकाल जा रहे हैं। वही इस बीच भाजपा ने JDU के इस कार्यक्रम को लेकर कहा कि JDU कोई जतन कर ले, कुछ भी हासिल नहीं होने वाला। भाजपा का कहना है कि यह JDU का नहीं लालू यादव का पैतरा है। भाजपा नेता विजय सिन्हा ने कहा कि तुष्टिकरण वाले लोग कई तरह के रूप और रंग बदल कर सामने आते हैं। CM नीतीश तुष्टिकरण कर रहें है। विजय सिन्हा ने आगे कहा कि जदयू की तरफ से भीम संसद कार्यक्रम आयोजित की जा रही है। वही इधर, विधानसभा में आउटसोर्सिंग की जा रही है। नई कंपनी को आउट सोर्सिंग का काम मिला। आउट सोर्सिंग मे क्या अनुसूचित और अनुसूचित जन-जाति के कैंडिडेट का नुकसान नहीं होगा। काठ की हांड़ी बार बार नहीं चढ़ाई जाती। JDU देर से लालू के रास्ते पर चली है। लोकसभा चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। वही विजय सिन्हा का पलटवार करते हुए जदयू प्रवक्ता हेमराज राम ने कहा की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एससी-एसटी के लिए बेहतर काम किया है।
सीएम नीतीश ने दलित-महादलित को दिया मौका
वहीं JDU ने भी भीम संसद कार्यक्रम पर कहा कि नीतीश सरकार एससी-एसटी के लिए कई योजनाएं लाई है। जदयू के प्रवक्ता हेमराज राम ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता संभाली थी तब एससी-एसटी का सलाना बजट 40 करोड़ रुपए था। आज 1900 करोड़ रुपए का हो चुका है। उन्होंने आगे कहा की मुख्यमंत्री ने दलित और महादलित को मौका दिया। लोकसभा चुनाव के सवाल पर JDU कहती है कि काम किया है। सीएम नीतीश कुमार को दलित और महादलित समुदाय में वोट मांगने की जरूरत नहीं है। बाबा भीम राव अंबेडकर की सोच पर CM नीतीश कुमार योजनाएं बनाई और उसे सही तरीके से लागू कराया है।

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