बेगूसराय में जदयू नेता की गोली मारकर हत्या, 6 से अधिक अपराधियों ने चलाई ताबड़तोड़ गोलियां, हिरासत में एक संदिग्ध
बेगूसराय। जिले में बुधवार सुबह हुई ताबड़तोड़ फायरिंग ने पूरे इलाके में डर और दहशत का माहौल पैदा कर दिया। जदयू से जुड़े स्थानीय नेता नीलेश कुमार की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। वारदात इतने अचानक और योजनाबद्ध तरीके से हुई कि किसी को समझने तक का मौका नहीं मिला। घटना छौड़ाही थाना क्षेत्र के पीरनगर गांव वार्ड नंबर 10 की है, जहां नीलेश रोज की तरह रात में अपने मवेशी बथान में सो रहे थे।
घटना की भयावह शुरुआत
सुबह-सुबह गोलियों की आवाज से गांव में अफरा-तफरी मच गई। परिजनों ने जैसे ही आवाज सुनी, वे तुरंत बथान की ओर दौड़े। वहां का दृश्य दिल दहलाने वाला था। बताया जा रहा है कि 6 से अधिक अपराधियों ने नीलेश पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं और मौके से हथियार लहराते हुए फरार हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कुल 9 बदमाश घटनास्थल से भागते देखे गए। नीलेश को छाती, गर्दन और आंख के पास गोलियां लगीं, जिससे उनकी तत्काल मौत हो गई।
नीलेश कुमार की भूमिका और पृष्ठभूमि
नीलेश कुमार हाल में पंचायत अध्यक्ष बने थे। इससे पहले वह जदयू के पंचायत अध्यक्ष के रूप में सक्रिय थे और विधानसभा चुनावों में भी पार्टी गतिविधियों में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही थी। परिवार के अनुसार नीलेश हर रात खाना खाकर अपने मवेशियों के बथान में सोने चले जाते थे और उसी दौरान उन पर हमला हुआ। परिजनों ने बताया कि नीलेश का किसी से कोई विशेष विवाद नहीं चल रहा था, हालांकि कुछ समय पहले गांव के ही बृजेश कुमार के साथ जमीन विवाद अवश्य था।
पहले का विवाद और संभावित कारण
एसपी मनीष के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि हत्या का कारण पुराने जमीन विवाद से जुड़ा हो सकता है। वर्ष 2019 में इसी मामले में दोनों पक्षों ने शिकायत दर्ज कराई थी। यद्यपि हाल के महीनों में कोई बड़े टकराव की जानकारी नहीं थी, लेकिन पुलिस का मानना है कि पुराने तनाव की वजह से यह घटना संभव है। फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
हत्या की सूचना मिलते ही मंझौल डीएसपी और छौड़ाही थाना पुलिस की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। घटनास्थल की नाजुकता को देखते हुए एफएसएल टीम को भी बुलाया गया है जो वहां से मिले सबूतों की जांच करेगी। एक संदिग्ध आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई है। यह संदिग्ध वही बृजेश कुमार बताया जा रहा है जिसका नाम परिजनों ने भी लिया है। पुलिस पूछताछ में यह जानने की कोशिश कर रही है कि घटना के पीछे और कौन लोग शामिल थे तथा हमलावरों की वास्तविक संख्या कितनी थी।
घटना का प्रभाव और गांव की प्रतिक्रिया
पीरनगर गांव में इस हत्या ने तनाव और भय का माहौल उत्पन्न कर दिया है। ग्रामीणों के अनुसार नीलेश मिलनसार और सक्रिय स्वभाव के थे, और इस तरह की घटना की किसी को उम्मीद नहीं थी। कई ग्रामीणों ने कहा कि रात में अचानक इतनी गोलियां चलने से गांव में दहशत फैल गई और बच्चे तथा महिलाएं डरकर घरों में दुबक गए।
परिजनों का दर्द और आरोप
नीलेश के पिता रामबली महतो गहरे सदमे में हैं। उन्होंने बताया कि उनके बेटे की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, लेकिन पुराना जमीन विवाद लंबे समय से झुलसा हुआ मुद्दा था। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के समय बृजेश कुमार और जयप्रकाश महतो सहित अन्य लोग हथियार लहराते हुए भागते देखे गए। यह बयान पुलिस जांच को और मजबूत आधार प्रदान करता है।
पोस्टमॉर्टम और आगे की प्रक्रिया
नीलेश के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। एफएसएल टीम हर कोण से जांच कर रही है, जिसमें घटनास्थल पर पड़े कारतूस, गोली, पैरों के निशान और अन्य जरूरी सबूत शामिल हैं। पुलिस ने कहा है कि फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद मामले की दिशा और स्पष्ट होगी।
जांच में सामने आ सकने वाले पहलू
पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। इसमें मुख्य रूप से यह पता लगाया जा रहा है कि क्या हमलावर पहले से नीलेश की गतिविधियों पर नजर रख रहे थे, क्या यह घटना पूर्व नियोजित थी, और इसमें कितने लोग शामिल थे। साथ ही पुराने जमीन विवाद की फाइलें भी दोबारा खंगाली जा रही हैं ताकि सही वजह सामने आ सके। बेगूसराय में हुई यह घटना एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते अपराध और निजी दुश्मनी की जटिलता को उजागर करती है। राजनीतिक रूप से सक्रिय लोगों पर हमले बिहार में चिंता का विषय रहे हैं और इस हत्या ने उस चिंता को और बढ़ा दिया है। पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है कि वह इस मामले में शीघ्र कार्रवाई करके वास्तविक दोषियों को गिरफ्तार करे और गांव में शांति बहाल करे।


