जन सुराज परिवार का कोई भी व्यक्ति अगर चुनाव लड़ेगा तो उसके पीछे संसाधन व पूरी ताकत लगाई जाएगी : प्रशांत किशोर
- 2024 के लोकसभा चुनाव पर पीके का बड़ा खुलासा
पटना। जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव पर अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए स्पष्ट किया है कि जन सुराज फिलहाल कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है इसलिए चुनाव नहीं लड़ सकता है। लेकिन जन सुराज परिवार की जिला इकाइयां यदि निर्णय लेकर किसी व्यक्ति को चुनाव लडा़ती है या चुनाव लडा़ना तय करती है तो यह संभव है कि वो अपने बीच से चुनाव लड़वाए। इसमें प्रशांत किशोर और जन सुराज की जो भी ताकत और समझ है वो उस उम्मीदवार के पीछे लगाई जाएगी। बता दे की वे आज सीतामढ़ी जिले के सुरसंड के सुरसंड नगर पंचायत, बीर रख, बघारी, करुणा, मलाही समेत दर्जनों गांवों में पदयात्रा की और जन सभाओं को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही। उन्होंने आगे कहा कि मैंने पदयात्रा की शुरुआत के समय भी कहा था कि जन सुराज कोई दल नहीं है और न ही प्रशांत किशोर इसके नेता हैं। पीके ने कहा कि पदयात्रा के दौरान बिहार के विकास के लिए हर पंचायत के विकास का ब्लू प्रिंट बनाया जा रहा है, हर पंचायत से ऐसे लोगों को ढूंढकर निकाला जा रहा है जो समझते हैं कि बिहार में नया राजनीतिक विकल्प बनना चाहिए। वैसे सभी लोग जो बिहार को बदलने का जज्बा रखते हैं जन सुराज के संस्थापक सदस्य बन रहे हैं।
जब वे सारे संस्थापक सदस्य लोग साथ में आएंगे और वो निर्णय लेंगे कि आगे का रास्ता क्या होगा, जन सुराज उसी रास्ते पर आम सहमति और लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ आगे बढ़ेगा। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जिन जिलों में पदयात्रा हो गई है और जहां लोग संस्थापक सदस्य बन रहे हैं उनको यह निर्णय लेना है कि संसदीय चुनाव लड़ना है या नहीं। उदाहरण के लिए पहले जिन 5 जिलों में हमनें पदयात्रा की तो वहां सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से MLC का चुनाव हुआ। पदयात्रा जिले के साथियों ने तय किया कि उन्हें MLC का चुनाव लड़ना चाहिए। अफाक अहमद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और जन सुराज के साथियों ने उनका सहयोग किया और जिताकर लाए। उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने बताया कि जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अभी तक 10 जिलों में 4 हजार किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा पूरी कर ली है। इन जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में संगठन निर्माण एवं विस्तार का काम तेजी से जारी है। वही इन क्षेत्रों के विभिन्न दलों के अनेक दिग्गज नेता रोज़ जन सुराज में शामिल हो रहे हैं। जो इस बात का प्रमाण है कि जनता जन सुराज को अपना राजनीतिक विकल्प स्वीकार करने लगी है।