December 6, 2025

बिहार में इंडिगो की 36 घंटे में 25 उड़ाने रद्द, 3000 से अधिक यात्री परेशान, एयरपोर्ट पर अवस्था

पटना। देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन इंडिगो इन दिनों भारी ऑपरेशनल संकट से गुजर रही है। क्रू की कमी और डीजीसीए के नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियमों के कारण देशभर में उड़ान सेवाएँ प्रभावित हुई हैं। इस संकट का सबसे बड़ा असर बिहार के यात्रियों पर पड़ा, जहाँ पिछले 36 घंटे में 25 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इससे लगभग 3000 यात्रियों को या तो एयरपोर्ट से वापस लौटना पड़ा या घंटों इंतजार करना पड़ा।
बिहार में सबसे ज्यादा असर, पटना एयरपोर्ट पर अफरातफरी
पटना एयरपोर्ट पर स्थिति सबसे गंभीर रही। एयरलाइन की 29 निर्धारित उड़ानों में से 25 उड़ानें रद्द हो गईं। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों के लिए उड़ानें ठप पड़ने से यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। अहमदाबाद, चेन्नई, भुवनेश्वर और चंडीगढ़ के लिए भी निर्धारित उड़ानें नहीं चल सकीं। केवल दो सेक्टर—दिल्ली–लखनऊ–पटना–रांची और हैदराबाद–पटना–हैदराबाद मार्ग की एक-एक उड़ान ही संचालित हो सकी। इसी वजह से एयरपोर्ट पर यात्रियों की लंबी कतारें और बढ़ती नाराजगी देखी गई।
यात्रियों की रातभर की परेशानी और सूचना की कमी
पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट पर यात्रियों की हालत बेहद दयनीय रही। कई लोग पूरी रात एयरपोर्ट की कुर्सियों और सीढ़ियों पर बैठे रहे। एयरलाइन की ओर से जानकारी समय पर नहीं दी गई, जिससे यात्रियों की बेचैनी और बढ़ गई। पटना से मुंबई जाने वाले यात्री गुलाम मोहम्मद का कहना था कि उन्हें कुवैत में नौकरी ज्वाइन करने के लिए तुरंत पहुँचना था, लेकिन एयरलाइन न तो वैकल्पिक व्यवस्था कर सकी और न ही स्पष्ट जानकारी दे पाई। कर्मचारियों ने बताया कि अगले तीन दिनों तक टिकट उपलब्ध नहीं है। यात्रियों के ऐसे अनुभव संकट की गंभीरता का संकेत देते हैं।
रद्द की गई महत्वपूर्ण उड़ानें
पटना से कई महत्वपूर्ण रूटों की उड़ानें रद्द की गईं। इनमें प्रमुख उड़ानें थीं:
6E 5152 (मुंबई), 6E 0663 (कोलकाता), 6E 6389 (दिल्ली), 6E 6349 (कोलकाता), 6E 2167 (मुंबई), 6E 126 (पुणे) और 6E 5007 (दिल्ली)। इसके अलावा 6E 0805 (बेंगलुरु) को काफी देर तक विलंबित किया गया। ज्यादातर यात्रियों को रद्दीकरण की जानकारी एयरपोर्ट पहुँचने के बाद मिली, जिससे उनका गुस्सा और बढ़ गया।
किरायों में तेजी से उछाल, अन्य एयरलाइंस ने बढ़ाया दाम
इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बाद अन्य एयरलाइनों ने इसका सीधा फायदा उठाते हुए टिकट कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर दी। अचानक मांग बढ़ने के कारण किराए 2 से 3 गुना तक पहुँच गए। त्योहार, शादी और छुट्टियों के इस पीक सीजन में यात्रियों को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ा।
संकट की जड़: डीजीसीए के एफडीटीएल नियम
इस संकट का मुख्य कारण फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों का दूसरा चरण है, जो 1 नवंबर से लागू हुआ। इन नियमों में पायलटों और केबिन क्रू के आराम समय को बढ़ा दिया गया है, जिसके कारण एयरलाइनों को अधिक स्टाफ की जरूरत होने लगी। लेकिन पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित क्रू उपलब्ध न होने के कारण उड़ानों का संचालन प्रभावित हुआ। डीजीसीए के अनुसार, केवल नवंबर महीने में इंडिगो की 1,232 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें से 755 उड़ानें सिर्फ एफडीटीएल नियमों के कारण रद्द करनी पड़ीं। यह आंकड़ा बताता है कि एयरलाइन की तैयारी इस नए नियम के अनुरूप नहीं थी।
देशभर में बढ़ता प्रभाव और भविष्य की चिंता
इंडिगो का यह संकट बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में हजारों यात्री इससे प्रभावित हो रहे हैं। आने वाले दिनों में शादी, क्रिसमस और न्यू ईयर का सीजन शुरू हो रहा है, ऐसे में उड़ानों की भारी मांग रहती है। यदि यह स्थिति जल्द सामान्य नहीं हुई, तो यात्रियों को इससे और अधिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है। इंडिगो की उड़ान सेवाओं में आई यह भारी बाधा केवल तकनीकी या प्रबंधन की समस्या नहीं, बल्कि एयरलाइन उद्योग की संरचनात्मक चुनौतियों का संकेत है। क्रू की कमी, नए नियम, त्योहारों का सीजन और अचानक बढ़ती यात्री संख्या—इन सबने मिलकर एक ऐसा संकट पैदा कर दिया है, जो आने वाले हफ्तों में और गहराता दिख सकता है। यात्रियों के लिए यह स्थिति बेहद कठिन है, और सरकार व नियामक संस्थाओं से तत्काल समाधान की उम्मीद की जा रही है।

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